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सरकार ने बदले नियम, आधार को अब कानूनी रूप

   

विधानसभा में छह संशोधन विधेयक मंजूर
 

भोपाल. विधानसभा में सरकार ने छह संशोधन विधेयक मंजूर किए। इसमें आधार को कानूनी रूप देने से लेकर पंचायतीराज संशोधन तक शामिल हैं। कांग्रेस ने वचन पत्र में पंचायतीराज कानून को पुराने स्वरूप में लागू करने का वादा किया था। पढि़ए, क्या हुए बदलाव…
नया आधार एक्ट : आधार इनेबल्ड पेमेंट ब्रिज से मिलेगा पैसा
विधि मंत्री पीसी शर्मा ने राज्य में नया आधार एक्ट का प्रस्ताव रखा। शर्मा ने बताया कि इस एक्ट के तहत प्रदेश में विभिन्न सरकारी योजनाओं में आधार इनेबल्ड पेमेंट ब्रिज के जरिए ही भुगतान होगा। सरकारी योजनाओं में आधार की अनिवार्यता वैधानिक हो जाएगी। दरअसल, अभी आधार की अनिवार्यता को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा। इसमें आधार में फिंगर प्रिंट न आने की समस्या को कई विधायकों ने उठाया।

– ग्रामीण पंचायतीराज संशोधन : चरनोई भूमि पर घमासान
ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने ग्रामीण पंचायतीराज संशोधन विधेयक पेश किया। इसमें परिसीमन की स्थिति में पंचायत का कार्यकाल पूरा होने और प्रतिनिधि के पार्षद का चुनाव लडऩे पर पद रिक्त होने का प्रावधान है। पूर्व स्पीकर सीतासरन शर्मा ने इस विधेयक पर कहा कि कांग्रेस को गांव-गौमाता की याद आ रही है। क्या कांग्रेस सरकार उनके समय में पांच फीसदी से दो फीसदी की गई चरनोई भूमि को वापस करेगी। इस पर राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव कहा, 15 साल आप थे तो आप कर लेते। इस पर चर्चा में खूब विवाद हुए।
– नगर पालिका संशोधन विधेयक : कुष्ठ रोगी लड़ सकेंगे चुनाव
नगरीय विकास मंत्री जयवद्र्धन सिंह ने नगर पालिका संशोधन विधेयक पेश किया। इसके तहत अब प्रदेश में कुष्ठ रोगी भी निकाय चुनाव लड़ सकेंगे। पहले यह रोग असाध्य था, लेकिन अब इलाज संभव है। इस विधेयक पर चर्चा में गोपाल भार्गव ने कहा कि कुष्ठ रोगी को चिन्हित करना मुश्किल है। वहीं, विधायक देवेंद्र वर्मा ने कहा कि टीएनसीपी भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है।

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