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MP में आर्थिक आपातकाल, कमलनाथ ने अफसरों को दी सख्त नसीहत

   

आर्थिक आपातकाल : आहरण-वितरण अधिकारी की जवाबदेही तय की, कमलनाथ ने कहा बजट से ज्यादा खर्च किया तो होगी कार्रवाई

भोपाल. प्रदेश में आर्थिक आपातकाल के हालात के कारण सरकार ने खर्चों पर लगाम कस दी है। कमलनाथ सरकार ने आहरण वितरण अधिकारियों की तय बजट से अधिक खर्च करने या अग्रिम राशि जारी करने पर जवाबदेही तय कर दी है। यदि तय बजट से अधिक खर्च होता है, तो कार्रवाई होगी।
चुनावी खर्च के बोझ के कारण सरकारी खजाने की हालत बहुत खराब है। इस बीच सरकार ने 31 मार्च तक 30 लाख से ज्यादा किसानों की कर्जमाफी करना तय किया है। अभी तक बजट से ज्यादा खर्च कर दिया जाता था और बाद में मद को अपडेट किया जाता था। अब इस पर रोक रहेगी।

अभी तक अग्रिम राशि आहरण कर ली जाती थी और बाद में समायोजन किया जाता था, अब इस पर भी रोक रहेगी। अग्रिम के लिए पहले मंजूरी लेना होगी। इसके बावजूद कहीं अग्रिम आहरण या बजट से ज्यादा खर्च होता है, तो संबंधित पर कार्रवाई होगी। इसका सबसे अधिक असर निर्माण, योजना और संचालन कार्यों पर होगा। इसके तहत पंचायतों के तहत आने वाले काम भी आएंगे। जो बड़े भुगतान रुके हुए हैं, उनका भुगतान अब नए वित्तीय सत्र में ही किया जाएगा।
मंत्रियों को दी जा चुकी है नसीहत
मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से मंत्रियों को मितव्ययता की नसीहत दी जा चुकी है। काफिले में कटौती करने के लिए कहा गया था। मंत्रियों को अपने खर्च नियंत्रित करने के लिए कहा गया है।
वित्तमंत्री उठाएंगे खर्च
वित्तीय कसावट के तहत वित्तमंत्री तरुण भनोट ने अपना सत्कार खर्च खुद उठाना तय किया है। दरअसल, सभी मंत्रियों के यहां आगंतुकों के सत्कार के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के जरिए व्यय किया जाता है। इसमें मितव्ययता बरतते हुए भनोट ने तय किया है कि वे अपने विभाग का सत्कार खर्च खुद वहन करेंगे। इसमें चाय-कॉफी सहित अन्य खर्च उनके निजी स्टॉफ को दिया जाएगा। इसके बाद वे खुद उसका भुगतान करेंगे।

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