सपा-बसपा के चुनावी फार्मूले से नाखुश कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वो भी एमपी में सभी 29 सीटों पर अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी
मध्य प्रदेश में भले ही गठबंधन की सरकार हो लेकिन कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि 2019 का चुनाव वो अकेले दम पर लड़ेगी. यूपी में सपा और बसपा के गठबंधन के ऐलान के बाद कांग्रेस ने एमपी की सभी 29 सीटों पर अकेले दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.दरअसल, यूपी के उपचुनाव में एसपी-बीएसपी गठबंधन का हिट फार्मूला अब लोकसभा चुनाव में भी लागू होगा. अखिलेश यादव और मायावती ने साफ कर दिया है कि आगामी चुनाव में दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे. सपा-बसपा ने साफ किया है कि आगामी चुनाव में कांग्रेस से उनका गठबंधन नही होगा. वहीं सपा-बसपा के चुनावी फार्मूले से नाखुश कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वो भी एमपी में सभी 29 सीटों पर अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी.मध्य प्रदेश में मौजूदा कांग्रेस सरकार भले ही गठबंधन के सहारे हो, लेकिन लोकसभा चुनाव में गठबंधन का सहारे चुनाव नहीं होगा. कांग्रेस का ये भी कहना है कि प्रदेश में कांग्रेस का मुकाबला सिर्फ बीजेपी से होगा. वहीं बीजेपी ने भी साफ कर दिया है कि यूपी में बुआ-भतीजे की जोड़ी और प्रदेश में कांग्रेस को टक्कर देने के लिए वो तैयार है.प्रदेश में बीते दो लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस को मिली सीटों पर के गणित पर नजर डालें तो,2009 के लोकसभा चुनाव
सीट वोट
कांग्रेस को 12 40.1 फीसदी
बीजपी को 16 43.4 फीसदी
बीएसपी को 01 5.9 फीसदी मिले थे2014 के लोकसभा चुनाव
सीट वोट शेयर
कांग्रेस 02 35.4 फीसदी
बीजेपी 27 54.8 फीसदी
अन्य 00 09.8 फीसदीमतलब साफ है कि लोकसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच रहा है लेकिन अन्य के खाते में भी बड़ा वोट गया है. जो संकेत है कि 2019 के चुनाव में बड़ा न सही लेकिन छोटे स्तर पर ही तीसरे दल अपना असर जरूर दिखाते हैं.अब जबकि सपा-बसपा ने एक साथ मिलकर चुपनाव लड़ने का ऐलान किया है, ऐसे में सपा-बसपा के गठबंधन के असर को रोकने के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने अभी से तैयारी तेज कर दी है. सूबे में अभी भले ही गठबंधन की सरकार सत्ता पर काबिज है, लेकिन अब ये तय है कि प्रदेश में सपा-बसपा साथ-साथ तो बीजेपी और कांग्रेस एकला चलों की तर्ज पर अकेले दम पर चुनाव लड़ने का काम करेगी
मध्य प्रदेश में भले ही गठबंधन की सरकार हो लेकिन कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि 2019 का चुनाव वो अकेले दम पर लड़ेगी. यूपी में सपा और बसपा के गठबंधन के ऐलान के बाद कांग्रेस ने एमपी की सभी 29 सीटों पर अकेले दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.दरअसल, यूपी के उपचुनाव में एसपी-बीएसपी गठबंधन का हिट फार्मूला अब लोकसभा चुनाव में भी लागू होगा. अखिलेश यादव और मायावती ने साफ कर दिया है कि आगामी चुनाव में दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे. सपा-बसपा ने साफ किया है कि आगामी चुनाव में कांग्रेस से उनका गठबंधन नही होगा. वहीं सपा-बसपा के चुनावी फार्मूले से नाखुश कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वो भी एमपी में सभी 29 सीटों पर अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी.मध्य प्रदेश में मौजूदा कांग्रेस सरकार भले ही गठबंधन के सहारे हो, लेकिन लोकसभा चुनाव में गठबंधन का सहारे चुनाव नहीं होगा. कांग्रेस का ये भी कहना है कि प्रदेश में कांग्रेस का मुकाबला सिर्फ बीजेपी से होगा. वहीं बीजेपी ने भी साफ कर दिया है कि यूपी में बुआ-भतीजे की जोड़ी और प्रदेश में कांग्रेस को टक्कर देने के लिए वो तैयार है.प्रदेश में बीते दो लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस को मिली सीटों पर के गणित पर नजर डालें तो,2009 के लोकसभा चुनाव
सीट वोट
कांग्रेस को 12 40.1 फीसदी
बीजपी को 16 43.4 फीसदी
बीएसपी को 01 5.9 फीसदी मिले थे2014 के लोकसभा चुनाव
सीट वोट शेयर
कांग्रेस 02 35.4 फीसदी
बीजेपी 27 54.8 फीसदी
अन्य 00 09.8 फीसदीमतलब साफ है कि लोकसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच रहा है लेकिन अन्य के खाते में भी बड़ा वोट गया है. जो संकेत है कि 2019 के चुनाव में बड़ा न सही लेकिन छोटे स्तर पर ही तीसरे दल अपना असर जरूर दिखाते हैं.अब जबकि सपा-बसपा ने एक साथ मिलकर चुपनाव लड़ने का ऐलान किया है, ऐसे में सपा-बसपा के गठबंधन के असर को रोकने के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने अभी से तैयारी तेज कर दी है. सूबे में अभी भले ही गठबंधन की सरकार सत्ता पर काबिज है, लेकिन अब ये तय है कि प्रदेश में सपा-बसपा साथ-साथ तो बीजेपी और कांग्रेस एकला चलों की तर्ज पर अकेले दम पर चुनाव लड़ने का काम करेगी