भोपाल। नई सरकार फिलहाल बड़े पैमाने पर तबादले नहीं कर पाएगी। लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची तैयार करने के चलते चुनाव आयोग ने कमिश्नर, कलेक्टर से लेकर बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के 26 दिसंबर के बाद बिना पूछे तबादले करने पर रोक लगा दी है। दरअसल, 26 दिसंबर को मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन होगा। इसके साथ ही नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के दावे-आपत्ति लेने का काम शुरू हो जाएगा।
अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संदीप यादव ने बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण होना है। 26 दिसंबर को मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन होगा। इसके साथ ही नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के दावे-आपत्ति होने लगेंगे।
25 जनवरी तक दावे-आपत्ति लिए जाएंगे और 11 फरवरी के पहले इनका निराकरण किया जाएगा। 18 फरवरी तक मतदाता सूची की तैयारी कर 22 फरवरी को अंतिम प्रकाशन कराया जाएगा। इसी सूची के आधार पर लोकसभा चुनाव होंगे। बताया जा रहा है कि मार्च के पहले पखवाड़े में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग सकती है।
इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के काम से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों को बिना अनुमति हटाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि मतदाता सूची के काम में कमिश्नर, कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी व शिक्षक मिलकर 70 हजार से ज्यादा अधिकारी व कर्मचारियों की ड्यूटी लगती है।
बड़े बदलाव की तैयारी
उधर, कांग्रेस सरकार प्रशासन स्तर पर बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। इसमें अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, उप सचिव, एडीजी, आईजी, एसपी, कमिश्नर, कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी शामिल हैं। दरअसल, कुछ मैदानी और कुछ मंत्रालय के अफसर कांग्रेस के निशाने पर लंबे समय से हैं। इन अधिकारियों पर गाज गिरना तय है।
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