भोपाल। मध्य प्रदेश के किसानों को कर्जमाफी का तोहफा नए साल में मिल सकता है। कमलनाथ द्वारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले ही अधिकारियों ने कर्जमाफी का रोडमैप बना लिया है। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अधिकारी उन्हें कर्जमाफी के लिए बनाए गए प्लान का प्रजेंटेशन देंगे। कमलनाथ सरकार अपने वादे के मुताबिक वचन पत्र में दिए गए आश्वासन के तहत सहकारी और व्यावसायिक बैंकों से ऋण पाए किसानों के कर्ज माफ कर सकती है।
इन अफसरों को भेजा गया पंजाब-महाराष्ट्रपंजाब और महाराष्ट्र मॉडल का अध्ययन करने के लिए मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक फैज अहमद किदवई चंडीगढ़ और एडीशनल डायरेक्टर बीएम सहारे महाराष्ट्र गए हैं। मैप आईटी की टीम को भी चंडीगढ़ भेजा गया है, क्योंकि पंजाब सरकार ने किसानों की तमाम जानकारी, आधार लिंक, अलग-अलग कैटेगरी के कर्ज के साथ डिफॉल्टर किसानों की अलग-अलग श्रेणियों को लेकर एक पोर्टल तैयार किया है। टीम इसका अध्ययन करेगी, ताकि मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही पोर्टल तैयार हो जाए। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की नई सरकार को कर्जमाफी के लिए कम से कम 18 से 20 हजार करोड़ रुपए की जरूरत होगी। किसानों पर जो कर्ज है वह सहकारी बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक, ग्रामीण विकास बैंक और निजी बैंकों का है। वहीं, प्रदेश के 21 लाख किसानों पर करीब 20 हजार करोड़ का कर्जा है, लेकिन इसे अदा नहीं किया है। कर्जे में डूबते किसानों के कर्ज को माफ करने के साथ नियमित कर्ज पर लगभग 25 हजार रुपए प्रोत्साहन दिया जाएगा।
2 लाख तक का कर्जा होगा माफकर्जमाफी के ब्लूप्रिंट में 2 लाख तक का कर्जा माफ करने की योजना है। कर्जमाफी के दायरे में सहकारी और राष्ट्रीयकृत बैंक दोनों आएंगे। कर्जमाफी का फायदा ओवरड्यू और समय पर लेनदेन करने वाले किसानों को कर्ज खाते में वर्तमान कर्जराशि के आधार पर माफी मिलेगी। कर्जमाफी से राज्य पर करीब 60 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय भर आएगा।