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बैकफुट पर कमलनाथ सरकार, नहीं बंद होगी शिवराज की स्मार्ट फोन और दीनदयाल रसोई योजना

मंथन न्यूज 

भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार के समय शुरु की गई योजनाओं को लेकर अब कमलनाथ सरकार बैकफुट पर दिखाई दे रही है। पिछले दिनों अपनी सरकार के समय शुरू की गई योजनाओं को बंद करने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने नाराजगी जाहिर की थी। अब सरकार ने भी साफ कर दिया है कि पिछली सरकार के समय की गई जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद नहीं किया जाएगा। 

 

शिवराज सरकार के समय शुरू की गई दीनदयाल रसोई योजना जिस पर संकट के बादल मंडरा रहे थे, उसको कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब सरकार ने साफ किया है कि छात्रों को स्मार्ट फोन योजना को भी बंद नहीं किया गया है।

 

विधानसभा में भाजपा विधायक चैतन्य काश्यप के सवाल के जवाब में मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि स्मार्ट फोन योजना बंद नहीं की गई है। हलांकि मंत्री जीतू पटवारी ने योजना को लेकर पिछली सरकार पर तंज कसते हुए कहा राजनीतिक लाभ के लिए योजना शुरू की गई थी, जिसकी अब सरकार समीक्षा कर उसकी जगह नहीं योजना लाएगी।

 

मंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के समय 2014 में योजना का ऐलान किया गया, लेकिन 2016 में पहली बार योजना के तहत जो स्मार्ट फोन बांटे 

 

गए उसकी क्वालिटी खराब थी जिसके बाद अब सरकार इस मामले की नए सिरे से जांच कराकर वर्तमान योजना की जगह नहीं योजना शुरू करेगी।

 

सदन में स्मार्ट फोन को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोंकझोंक हुई जिसके चलते सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की गई और पूरा प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया है ।

 

स्मार्ट फोन पर ‘स्मार्ट’ जवाब नहीं मिलने पर हंगामा : मध्य प्रदेश विधानसभा में लगातार दूसरे दिन सदन की कार्यवाही का विपक्ष ने वॉकआउट किया। सदन 

 

में पहले प्रश्नकाल के दौरान स्मार्ट फोन और फिर शून्य काल के बिजली के मुद्दे को लेकर हंगामा हुआ। 

 

प्रश्नकाल के दौरान सदन में स्मार्ट फोन को लेकर किए गए भाजपा विधायक के सवाल के जवाब में मंत्री के जवाब पर खुद नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सवाल उठा दिए, जिसको लेकर दोनों पक्षों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। इसके चलते सदन की कार्यवाही पहले 5 मिनट और फिर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

 

वहीं, प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल के दौरान सूबे में लगातार बिजली कटौती और अधिक बिजली के बिल को लेकर विपक्ष ने सदन में हंगामा किया। शून्यकाल के 

 

दौरान भाजपा की तरफ से पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन में इस मामले को उठाना चाहा जिसकी अनुमति आसंदी ने नहीं दी, जिस पर भाजपा विधायकों ने 

 

अपना विरोध जताया। इस बीच नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि बिजली लोगों से जुड़ा मुद्दा और सदन में इस पर बहस होना चाहिए।

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