गोपाल भार्गव ने कहा-ये अल्पमत की कांग्रेस सरकार बहुमत बनाने में जुटी है.ये अल्पमत की सरकार (Minority government) थी और अल्पमत की ही रहेगी.
भोपाल. मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में किसानों (farmer politics) के मुद्दे पर राजनीति चरम पर है.विपक्ष जहां कांग्रेस सरकार को घेरने में जुटा है वहीं किसान (kisan) आक्रोश आंदोलन के बहाने कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव (gopal bhargav) ने कहा कांग्रेस सरकार (congress government) जनता के बीच विश्वास खो चुकी है. अगर आज चुनाव होते हैं तो वो 30सीटें भी नहीं जीत पाएगी अगर जीत गयी तो मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा.
बीजेपी ने सोमवार को पूरे प्रदेश में किसानों के समर्थन में किसान आक्रोश आंदोलन किया. भोपाल में इस प्रदर्शन की कमान नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने संभाली. वो प्रदर्शन के दौरान कमलनाथ सरकार पर जमकर बरसे. ये अल्पमत की कांग्रेस सरकार बहुमत बनाने में जुटी है.ये अल्पमत की सरकार थी और अल्पमत की ही रहेगी.कांग्रेस सरकार को 24 घंटे डर लगा रहता है कि कब सरकार चली जाए.कांग्रेस सरकार जनता के बीच अपना विश्वास खो चुकी है.लोकसभा चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस को 29 में से केवल एक सीट मिली, वैसे ही अगर आज विधानसभा चुनाव होते हैं तो कांग्रेस 30 सीटें भी नहीं जीत पाएगी.अगर 30सीटें जीत पाती है तो मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा.
वचन पत्र में केंद्र का ज़िक्र नहीं
वचन पत्र में केंद्र का ज़िक्र नहीं
भोपाल में कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन के दौरान नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा- अब तक ना तो किसानों का कर्ज़ माफ हुआ है ना बिजली बिल आधे हुए हैं.अब तक बाढ़ पीड़ितों को राहत राशि नहीं मिली है. कमलनाथ सरकार राहत राशि नहीं दे पायी है लेकिन आरोप लगा रही है केंद्र सरकार पर. भार्गव ने कहा क्या कांग्रेस पार्टी ने चुनाव लड़ते समय घोषणा पत्र में कहा था कि राज्य मद से सहायता नहीं करेंगे.केंद्र से सहायता लाएंगे.उस समय तो उन्होंने कहा था कि दो लाख का कर्ज़ माफ कर देंगे.अब क्यों केंद्र सरकार से मदद की आस है.जब राहत राशि की बात होती है तो केंद्र तो मदद करेगा ही.शुरूआती तौर पर तो कांग्रेस सरकार को कर्जमाफ कर देना चाहिए ताकि किसान आत्महत्या नहीं करें.
हमने नहीं मांगी मदद
गोपाल भार्गव ने कहा जब राज्य में हमारी सरकार के समय इस तरह की आपदा आई थी तो हमने मनमोहन सरकार से मदद नहीं मांगी थी.खुद राज्य मद से किसानों की मदद की थी. वीर-परमवीर तो हम लोग हैं. शिवराज सिंह चौहान हैं, जिन्होंने करोड़ों की राहत राशि बांटी थी.मनमोहन सिंह सरकार के सामने हाथ नहीं फैलाये थे. कमलनाथ सरकार टीएडीए देने में 7हज़ार करोड़ खर्च कर रही है. इतनी राशि किसानों को दी जाती तो फायदा होता.
बिजली बिल की होली
गोपाल भार्गव और सारे नेता ट्रैक्टर पर सवार होकर कलेक्ट्रेट तक पहुंचे. भार्गव खुद ट्रैक्टर चलाकर कलेक्ट्रेट पहुंचे.उन्होंने कहा- साहूकार कर्ज वापस करने के लिए किसानों पर दबाव बना रहे हैं.कर्ज वापस नहीं कर पाने पर किसान आत्महत्या कर रहे हैं.बिजली है नहीं औऱ हज़ारों के बिजली बिल आ रहे हैं. 11महीने में प्रदेश में क्या हालत हो गई है.मंत्री भ्रष्ट्राचार में लीन हैं. बीजेपी नेताओं ने बिजली बिल में गड़बड़ी के खिलाफ बिलों की होली जलायी.