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अध्यापकों का संविलियन तो होगा, लेकिन… 

भोपाल। अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन अब विवादित हो गया है। इधर संविलियन प्रक्रिया अंतिम चरण मैं है और हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर दिए हैं। विवाद संविलियन के नाम पर हो रही नियुक्तियों को लेकर है। राज्य स्कूल शिक्षा सेवा संवर्ग में नियुक्ति और सेवा शर्तों पर आपत्ति जताई गई।
याचिका क्रमांक 21608/2018 एवं 22421/2018 पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जबलपुर के न्यायाधीश विजय कुमार शुक्ला ने शासन को नोटिस जारी करते हुए कहा कि राज्य स्कूल शिक्षा सेवा में शिक्षक कैडर में नियुक्ति न्यायालय के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी। शासन को नए कैडर की सेवा शर्तों के संबंध में चार सप्ताह में अपना पक्ष हाईकोर्ट में रखना होगा।
अन्य कुछ अध्यापकों द्वारा लगाईं याचिकाओं 21780/2018, 22679/2018 को भी पूर्व की याचिका 19417 से लिंक कर दिया है। शासन का पक्ष सुनने के तक निर्णय सुरक्षित रखा है। गौरतलब है कि राज्य स्कूल शिक्षा सेवा संवर्ग में नियुक्ति, सेवा शर्तों, प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता , पूर्व सेवा अवधि के स्वत्व के लाभ को लेकर प्रदेश भर के अध्यापकों ने जबलपुर हाईकोर्ट सहित इंदौर, ग्वालियर बेंच में याचिकाएं दायर की हैं।
भोपाल के 126 अध्यापकों ने लगाई है याचिका
राजधानी भोपाल से ही अध्यापक संगठन से जुड़े उपेंद्र काैशल, जितेंद्र शाक्य, शीबा खान सहित 126 अध्यापकों ने नए कैडर में नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। प्रदेश में अभी तक 2000 हजार से ज्यादा अध्यापक न्यायालय में याचिका लगा चुके है।
अध्यापकों की यह है मांग
नियुक्ति के स्थान पर संविलियन, प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता एवं स्वत्वों के लाभ तथा विकल्प पत्र की अनिवार्यता समाप्त की जाए आदि प्रमुख मांगें हैं।

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