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महाराष्ट्र: उद्धव सरकार की पहली परीक्षा, विधानसभा में 2 बजे होगा फ्लोर टेस्ट

शनिवार को महाराष्ट्र की विधानसभा में दोपहर दो बजे शक्ति परीक्षण होना है. शिवसेना का दावा है कि उसके पास 170 विधायकों का समर्थन है और सदन में वो आसानी से बहुमत साबित कर देगी.

उद्धव सरकार की पहली परीक्षा, विधानसभा में 2 बजे होगा फ्लोर टेस्ट
शिवसेना ने 170 विधायकों के समर्थन का किया दावाआज दोपहर 2 बजे विधानसभा में होगा शक्ति परीक्षण
उद्धव ठाकरे सरकार का पहला इम्तिहान आज होगा. दरअसल, आज यानी शनिवार को महाराष्ट्र की विधानसभा में दोपहर दो बजे शक्ति परीक्षण होना है. शिवसेना का दावा है कि उसके पास 170 विधायकों का समर्थन है और सदन में वो आसानी से बहुमत साबित कर देगी.

बता दें कि महाराष्ट्र में नई सरकार के पास 3 दिसंबर तक अपना बहुमत सिद्ध करने का समय है. हालांकि, यह स्पष्ट हो गया है कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस वाली सत्तारूढ़ ‘महा विकास अघाड़ी’ शनिवार को ही सदन के पटल पर अपना बहुमत सिद्ध करने की कोशिश करेगी.

‘महा विकास अघाड़ी’ ने अपने पास 170 विधायकों का समर्थन होने की बात कही है और इसके नेताओं का कहना है कि वह इसे शक्ति परीक्षण (फ्लोर टेस्ट) में पास कराने में पूर्ण रूप से सक्षम हैं.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता दिलीप वाल्से-पाटिल महाराष्ट्र विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष (प्रो-टेम स्पीकर) होंगे. अधिकारियों ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी और कहा कि दिलीप वाल्से शनिवार को बुलाए गए सदन के विशेष सत्र की अध्यक्षता करेंगे.

बता दें कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 26 नवंबर को भी 287 नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के लिए एक वरिष्ठ भाजपा विधायक को प्रो-टेम स्पीकर नियुक्त किया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार, यह प्रक्रिया आराम से पूरी हुई थी.

बहुमत के लिए 145 की संख्या की जरूरत

महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं. ऐसे में बहुमत के लिए 145 विधायकों का पक्ष में होना जरूरी है. बता दें कि शिवसेना के पास 56 विधायक, एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं. सभी विधायकों की संख्या को मिला दिया जाए तो कुल 154 होते हैं, यानी बहुमत से 9 ज्यादा. हालांकि शिवसेना दावा कर रही है कि बहुमत के आंकड़े से वो कहीं ज्यादा है.

शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने सरकार बनने से पहले ही होटल में बहुमत परीक्षण का डेमो किया था और बताया था कि उनके पास 162 विधायक हैं. इन्हीं 162 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र उन्होंने राज्यपाल को सौंपा था और सरकार बनाने की बात कही थी.

अब मौका है विधानसभा के भीतर ये बताने का कि उन्होंने जो दावा किया था वो सही है. हालांकि, बीजेपी गठबंधन की इस सरकार को महाराष्ट्र की जनता के खिलाफ धोखा बता रही है. इस बीच कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना में भी अभी मोल भाव खत्म नहीं हुआ है.

खबर है कि कांग्रेस ने राज्य में दो उपमुख्यमंत्री की मांग की है. मतलब एक उपमुख्यमंत्री एनसीपी का और दूसरा उप मुख्यमंत्री कांग्रेस का. उपमुख्यमंत्री के बदले कांग्रेस स्पीकर पद छोड़ने के लिए तैयार है. लेकिन कांग्रेस की इस मांग से एनसीपी नाखुश है.

अब सबकी निगाह फ्लोर टेस्ट पर है, हालांकि अब इस बात की गुंजाइश कम ही है कि फ्लोर टेस्ट के दौरान कोई ट्विस्ट आएगा.

शुक्रवार को ठाकरे ने संभाला कार्यभार

बता दें कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को अपना कार्यभार संभाल लिया था. उद्धव ने कामकाज संभालने के साथ ही राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. पहले ही दिन उद्धव ने आरे कालोनी के पास मेट्रो के कामकाज को रोकने के आदेश दे दिए, जहां रातों-रात दो हजार पेड़ काट दिए गए थे.

उद्धव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विकास संबंधी कार्यों को तुरंत शुरू करें और जनता के पैसे की बर्बादी के खिलाफ सतर्क रहें. पत्रकारों के साथ बातचीत में उद्धव ने अपने सरकार की प्राथमिकताएं बताईं. साथ ही पहले दिन उन्होंने क्या किया उसका भी ब्योरा दिया.

उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुंबई के आरे में मेट्रो शेड का काम रोक दिया गया है. हालांकि उन्होंने ये साफ किया कि मेट्रो लाइन काम जारी रहेगा.

इससे पहले गुरुवार को उद्धव की शपथ से पहले महाराष्ट्र में तीनों पार्टियों का कॉमन मिनिमम प्रोग्राम फाइनल हुआ. इसमें जनता से जुड़े कई अहम बातों पर जोर दिया गया है. कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में किसानों, बेरोजगारों और आर्थिक आधार पर कमजोरों के लिए कई अहम ऐलान किए गए हैं.

क्या-क्या हुए ऐलान?

> आम आदमी को पूरे राज्य में 10 रुपये में भर पेट खाना मुहैया करवाया जाएगा.

> तहसील स्तर पर 1 रुपये में इलाज के लिए क्लीनिक खोले जाएंगे.

> किसानों का कर्ज तुरंत माफ किया जाएगा.

> फसल बीमा योजना पर फिर से विचार किया जाएगा.

> आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की लड़कियों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी.

> राज्य सरकार में खाली पदों पर फौरन भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

> कानून बनाकर राज्य के युवाओं को 80 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा.

> आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को जीरो इंट्रेस्ट रेट पर एजुकेशन लोन दिया जाएगा.

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