शिवपुरी- 14 फरवरी 2019 के दिन देश के वीर शहीद पुलवामा में शहीद हो गए थे, इन शहीदों के बलिदान को हम व्यर्थ नहीं जाने देंगें और देश की आन-बान-शान के लिए सीआरपीएफ सीआईएटी देश के आंतरिक सुरक्षा को लेकर तत्पर है और पुलवामा जैसी घटना की पुन: पुनर्रावृत्ति नहीं होने देंगें, सीआरपीएफ बल हमेशा देश की सुरक्षा के लिए संकल्पित और प्रतिबद्ध है साथ ही हम सलाम करते है पुलवामा के शहीदों को जो देश के लिए शहीद हुए। उक्त उद्गार प्रकट किए सीआरपीएफ सीआईएटी स्कूल के प्राचार्य आई.जी. मूलचंद पंवार ने जो स्थानीय सीआरपीएफ कैम्पस परिसर में पुलवामा शहीदों को लेकर आयेाजित श्रद्धांजलि सभा को संबेाधित करते हुए सीआरपीएफ संसथान के अधिकारी-अधीनस्थ अधिकारी व जवानों को देश सुरक्षा के प्रति संकल्पित करा रहे थे। इस दौरान एडजुमेंट विनय कुमार सिंह ने आयेाजित कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी तत्पश्चात संस्थान के अधिकारियों ने पुष्पगुच्छ भेंट कर अमरशहीद स्मृति स्थल पर अपनी पुष्पांजलि श्रद्धांजलि के रूप में अर्पित की। इस अवसर पर पुलवामा शहीदों की याद में संस्थान परिसर में कैंडल मार्च भी निकाला गया जिसमें संस्थान के सभी अधिकारी व जवानों ने भाग लिया। कार्यक्रम में संस्थान के अधिकारीगण अलख शुक्ला, दिनेश कुमार यादव, अनादि दयाल, ओमनाथजी, ओमप्रकाश जी आदि सहित अन्य जवान मौजूद रहे।
दरअसल एक वाहन ने मारी थी टक्कर
आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया था
ज्ञात हो कि जम्मू कश्मीर में साल 2019 में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया था। इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर किया गया धमाका इतना तेज था कि सेना की गाड़ी के परखच्चे उड़ गए थे। कई जवान मौके पर शहीद हो गए थे। धमाके के बाद धुएं का गुब्बार छंटा तो दूर तक सड़क खून से लथपथ नजर आ रही थी।
जगह-जगह मलबा फैला था। इन्हीं के बीच जाबांजों के शव पड़े थे। हमला थमने के कुछ ही देर बाद बचाव कार्य शुरू किया गया। आत्मघाती धमाके के बाद लोग कुछ समझ पाते उससे पहले ही आतंकियों ने सीआरपीएफ की 78 गाड़ियों के काफिले पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी।
गोलीबारी में भी कुछ जवान घायल हुए। इसके बाद फायरिंग करने वाले आतंकी फरार हो गए। हमला थमने के कुछ ही देर बाद फिर से बचाव कार्य शुरू किया गया। घायल जवानों को अस्पताल पहुंचाने का सिलसिला शुरू हुआ। साथ ही सेना ने आतंकियों की धरपकड़ के लिए सर्च ऑपरेशन भी शुरू कर दिया।
इस फिदायीन हमले में 40 जवान शहीद हो गए, जबकि 40 घायल हो गए। जैसे ही जम्मू कश्मीर सहित देश को इस हमले की खबर मिली पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। लोगों में गुस्सा था, हर इंसान की जुबान पर एक ही शब्द था, इस हमले की साजिश रचने वाले आतंकियों और दुश्मन को करारा जवाब दिया जाए।
इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। इस हमले को लेकर देश भर में विरोध हुआ, यहां तक पूरे देश ने जवानों को सम्मान के साथ अलविदा कहा। सभी नेताओं ने हमले की निंदा की और एक उचित प्रतिक्रिया की मांग की। हमले के कुछ दिनों बाद, 26 फरवरी को भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में JeM आतंकी शिविरों में कई हवाई हमले किए, जिसमें बड़ी संख्या में आतंकवादियों को मार गिराया।