भोपाल. लोकसभा और राज्यों के चुनाव एक साथ कराने के लिए मोदी सरकार की अचानक सक्रियता से प्रदेश सरकार में हड़कंप मच गया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए प्रदेश में गठित समिति की रिपोर्ट तलब की है। समिति ने बैठकों के बाद रिपोर्ट करीब एक महीने पहले तैयार कर ली थी, लेकिन उस पर अध्यक्ष और सदस्यों के हस्ताक्षर नहीं कराए गए थे। प्रदेश सरकार इस मामले में केंद्र के संकेत का इंतजार कर रही थी। हस्ताक्षर होने के बाद समिति की सिफारिशों के प्वॉइंट में कोई बदलाव की गुंजाइश कम थी।
केंद्र से मंगलवार को फरमान आने के बाद संसदीय कार्यमंत्री के ओएसडी आरआर वामनकर रिपोर्ट लेकर संसदीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव अजीत केसरी के पास पहुंचे। इसके बाद अध्किारी समिति के सदस्यों के हस्ताक्षर के लिए देर रात तक रिपोर्ट लेकर उनके निवास पर पहुंचते रहे। समिति के एक सदस्य के मुताबिक शाह का फोन पहुंचने के बाद आनन-फानन में सरकार इस मामले में सक्रिय हुई, लेकिन बुधवार को स्वतंत्रता दिवस होने के कारण संभावना है कि रिपोर्ट गुरुवार को विशेष वाहक के माध्यम से भेजी जाएगी।
– एक साथ चुनाव की सिफारिश
प्रदेश सरकार ने चार मार्च को एक राष्ट्र एक चुनाव और चुनाव सुधारों के लिए समिति गठित की थी। समिति देश में सभी चुनाव एक साथ कराने की सिफारिश कर रही है। इसमें लोकसभा, विधानसभा के साथ ही नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव भी शामिल हैं, लेकिन उसकी रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं है कि एक साथ चुनाव का फॉर्मूला कब से लागू किया जाए। निकट भविष्य में मध्यप्रदेश सहित जिन राज्यों में चुनाव हैं उन्हें भी शामिल किया जाए या नहीं। समिति ने बताया है कि इससे सरकार का बहुत धन बच सकता है। इसके साथ ही बार-बार चुनाव से सरकारी मशीनरी को कामकाज में आने वाली बाधा भी कम होगी। समय की बचत से सरकारी मशीनरी विकास के काम अच्छे से कर पाएगी।
प्रदेश सरकार ने चार मार्च को एक राष्ट्र एक चुनाव और चुनाव सुधारों के लिए समिति गठित की थी। समिति देश में सभी चुनाव एक साथ कराने की सिफारिश कर रही है। इसमें लोकसभा, विधानसभा के साथ ही नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव भी शामिल हैं, लेकिन उसकी रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं है कि एक साथ चुनाव का फॉर्मूला कब से लागू किया जाए। निकट भविष्य में मध्यप्रदेश सहित जिन राज्यों में चुनाव हैं उन्हें भी शामिल किया जाए या नहीं। समिति ने बताया है कि इससे सरकार का बहुत धन बच सकता है। इसके साथ ही बार-बार चुनाव से सरकारी मशीनरी को कामकाज में आने वाली बाधा भी कम होगी। समय की बचत से सरकारी मशीनरी विकास के काम अच्छे से कर पाएगी।
– कांग्रेस सशर्त राजी, अन्य दलों ने किया इनकार
समिति ने अप्रैल और मई में विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ बैठकें की थी। इनमें कांग्रेस ने इस शर्त के साथ सहमति जताई थी कि लोकसभा को छह माह पहले भंग किया जाए और नवंबर में ही विधानसभा चुनाव के साथ आम चुनाव कराए जाएं। वह विधानसभा चुनाव आगे बढ़ाने की शर्त पर राजी नहीं है। उधर, बसपा, माकपा और आम आदमी पार्टी ने इस एक साथ चुनाव के प्रस्ताव पर असहमति जताई थी।
समिति ने अप्रैल और मई में विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ बैठकें की थी। इनमें कांग्रेस ने इस शर्त के साथ सहमति जताई थी कि लोकसभा को छह माह पहले भंग किया जाए और नवंबर में ही विधानसभा चुनाव के साथ आम चुनाव कराए जाएं। वह विधानसभा चुनाव आगे बढ़ाने की शर्त पर राजी नहीं है। उधर, बसपा, माकपा और आम आदमी पार्टी ने इस एक साथ चुनाव के प्रस्ताव पर असहमति जताई थी।
– ये हैं समिति में शामिल
संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा, सामान्य प्रशासन मंत्री लालसिंह आर्य, वरिष्ठ पत्रकार गिरजा शंकर व महेश श्रीवास्तव, रिटायर्ड आइएएस रजनीश वैश्य व शिवनारायण रूपला, पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष तपन भौमिक, प्रदेश भाजपा महामंत्री वीडी शर्मा इस समिति में शामिल हैं। आइएएस अधिकारी वीरा राणा को सदस्य सचिव बनाया गया था।
संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा, सामान्य प्रशासन मंत्री लालसिंह आर्य, वरिष्ठ पत्रकार गिरजा शंकर व महेश श्रीवास्तव, रिटायर्ड आइएएस रजनीश वैश्य व शिवनारायण रूपला, पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष तपन भौमिक, प्रदेश भाजपा महामंत्री वीडी शर्मा इस समिति में शामिल हैं। आइएएस अधिकारी वीरा राणा को सदस्य सचिव बनाया गया था।
एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए गठित समिति की रिपोर्ट तैयार हो गई है। एक-दो दिनों में प्रदेश सरकार इस रिपोर्ट को केंद्र सरकार को भेज देगी।
– डॉ. नरोत्तम मिश्रा, अध्यक्ष, एक राष्ट्र एक चुनाव समिति
– डॉ. नरोत्तम मिश्रा, अध्यक्ष, एक राष्ट्र एक चुनाव समिति
हमारी शर्त थी कि विधानसभा के साथ लोकसभा चुनाव कराए जाएं तो कांग्रेस सहमत है। क्योंकि, प्रदेश में विधानसभा चुनाव इसी वर्ष दिसंबर में प्रस्तावित है। ऐसे लोकसभा के चुनाव समय से पहले करा दिए जाएं।
– जेपी धनोपिया, कांग्रेस प्रवक्ता एवं प्रभारी चुनाव आयोग कार्य
– जेपी धनोपिया, कांग्रेस प्रवक्ता एवं प्रभारी चुनाव आयोग कार्य