अगले साल लोकसभा चुनावों के साथ करीब 10-11 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। ये वे राज्य होंगे, जहां अगले साल चुनाव होने हैं। भाजपा के एक शीर्ष नेता ने सोमवार को इस बात के संकेत दिए।
भाजपा नेता ने कहा कि हम ऐसी संभावनाएं तलाश रहे हैं, जिससे कुछ राज्यों में चुनाव टल सकें, जबकि कुछ राज्यों में समय से पहले कराए जा सकें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन राज्यों में एक साथ चुनाव हो सकें। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा का कार्यकाल अगले साल जनवरी में पूरा होगा।
ऐसे में भाजपा शासित इन राज्यों की सरकारें कुछ समय के लिए राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकती हैं ताकि लोकसभा चुनाव के साथ यहां विधानसभा चुनाव कराएं जा सकें।
हालांकि पूर्व लोकसभा महासचिव और संविधान विशेषज्ञ पीडीटी आचार्य ने इन राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की कानूनी वैधता पर सवाल उठाए हैं। आचार्य का कहना है कि राष्ट्रपति शासन सिर्फ सांविधानिक व्यवधान की स्थिति में ही लगाया जा सकता है।
इन राज्यों में समय से पहले हो सकते हैं चुनाव
वहीं आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। भाजपा का मानना है कि लोकसभा चुनाव के साथ ज्यादा से ज्यादा राज्यों में विधानसभा चुनाव उसके पक्ष में सकारात्मक नतीजे देने वाले होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लोकसभा और राज्यों में एक साथ चुनाव पर कई बार जोर दे चुके हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी सोमवार को विध आयोग को लिखा कि उनकी पार्टी एक साथ चुनाव के पक्ष में है। शाह का कहना है कि इससे चुनाव में होने वाले करोड़ों रुपये का खर्चा कम होगा।