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मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आज से, फ्लोर टेस्ट के लिए कमलनाथ सरकार सतर्क

विधानसभा स्पीकर एन पी प्रजापति का बयान आया है कि सदन के अंदर मंत्री जो भी घोषणा या आश्वानस देंगे, अफसरों को उन पर एक महीने के अंदर अमल करना होगा

मंथन न्यूज

मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है. सत्र  26 जुलाई तक चलेगा. इस 19 दिवसीय मानसून सत्र के दौरान सदन में कुल 15 बैठकें होंगी. जिसमें कई महत्वपूर्ण कार्यों का निपटारा किया जाएगा.कर्नाटक के हालात से सतर्क सत्ता पक्ष फ्लोर टेस्ट के लिए भी तैयार है और विपक्ष सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है.नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने यह कहकर सरकार को चिंता में डाल दिया है कि अगला एक महीना सरकार के लिए बेदह कठिन होगा.
लोकसभा चुनावों में मिली जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी  के विधायकों के हौसले बुलंद हैं. वे राज्य की कमलनाथ  सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेंगे. बिजली कटौती का मुद्दा इस विधानसभा सत्र में छाया रह सकता है. वहीं किसान कर्ज माफी का मुद्दा भी कमलनाथ के लिए मुश्किलें खड़ा करेगा.
दिवंगत नेताओं-शहीदों को श्रद्धांजलि
मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन दिवंगत नेताओं और वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी. इस सत्र में विधानसभा में व्यवस्थाएं बदली हुई दिखाई देंगी. विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति ने लोकसभा की तर्ज पर विधानसभा में मंत्री और विधायकों की आवाजाही के लिए नई व्यवस्था की है. मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक गेट नंबर 1 से प्रवेश करेंगे. जबकि मंत्रियों का स्टाफ और विधायकों के साथी गेट नंबर 5 से विधानसभा में प्रवेश करेंगे.वाहनों की पार्किंग के लिए भी विधानसभा परिसर में व्यवस्था में बदलाव किया गया है.
सीएम की सलाह
सीएम कमलनाथ विपक्ष किसानों की कर्जमाफी, बिजली कटौती, राज्य की बिगड़ी कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी करने की तैयारी में है. अगर विपक्ष अपनी रणनीति में कारगार रहा तो सरकार से फ्लोर मैनेजमेंट की मांग कर सकता है. इसकी तैयारी के लिए रविवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई.इसमें सीएम कमलनाथ ने विधायकों से कहा-विधायकों से कहा कि वो किसी भी तरह के प्रलोभन में न आएं और पूरी तरह से अपनी पार्टी के लिए समर्पित रहें.सत्र के दौरान पूरे समय सदन में मौजूद रहें और सरकार का पक्ष पूरी दृढ़ता के साथ सदन में रखें.मुख्यमंत्री ने कांग्रेस सरकार की अब तक की योजनाओं का पूरा होमवर्क करने और उसे सदन में साझा करने के भी निर्देश दिए.
बीजेपी विधायक दल की बैठक आज
बीजेपी विधायक दल की बैठक आज प्रदेश कार्यालय में होगी. इसमें विपक्ष के नेता सरकार की घेराबंदी की रणनीति पर चर्चा करेंगे. भारतीय जनता पार्टी जनहित से जुड़े मुद़दों पर सरकार की घेराबंदी के साथ-साथ फ्लोर मैनेजमेंट में जुटी है. हालांकि उसने अभी तक अपने मंसूबे जाहिर नहीं किए हैं कि सत्र के दौरान यह मांग की जा सकती है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने यह कहकर सरकार को मुश्किल में डाल दिया है कि अगला एक महीना सरकार के लिए बेहद कठिन होगा.
विधायकों को संदेश-
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव की ओर से सभी विधायकों को संदेश भिजवाया गया है कि सत्र के दौरान सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें. साथ ही जनहित के मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी के लिए पूरी तैयारी के साथ आएं. खास बात यह है कि भाजपा में संगठन स्तर पर भी सत्र को लेकर जमावट की जा रही है. विपक्ष सत्र के दौरान सरकार से फ्लोर टेस्ट की मांग करेगा या नहीं इस पर विधायक दल की बैठक में भी चर्चा हो सकती है. विधायक दल की बैठक में प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे से लेकर केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह, संगठन महामंत्री सुहास भगत समेत अन्य नेता भी शामिल हो सकते हैं.
नेता प्रतिपक्ष का बयान
विधानसभा सत्र में सत्तापक्ष को घेरने के लिए विपक्ष के पास पर्याप्त मुद्दे हैं. सरकार बिजली कटौती और तबादलों पर सरकार को घेरेगी. इसके लिए आज होने वाली बीजेपी विधायक दल की बैठक में रणनीति बनायी जाएगी.कांग्रेस विधायकों के बीजेपी नेताओं के संपर्क में होने पर कहा उन्होंने कहा आगे आगे देखिए होता है क्या?
विधानसभा स्पीकर की चेतावनी
इससे पहले विधानसभा स्पीकर एन पी प्रजापति का बयान आया है कि सदन के अंदर मंत्री जो भी घोषणा या आश्वानस देंगे, अफसरों को उन पर एक महीने के अंदर अमल करना होगा. विधानसभा में मंत्रियों के दिए गए आश्वासनों की मॉनिटरिंग की जाएगी. इस मामले में अफसरों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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