बालाकोट एयर स्ट्राइक: तड़के सुबह मोदी को मिली खबर सब हो गया है, फिर पाक चिल्लाया- हमको भारत ने मारा
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक निजी चैनल को इंटररव्यू दिया. इंटररव्यू की शुरुआत में उन्होंने कहा कि चुनावों का ऐलान होने के बाद मैं लोगों के बीच जाकर सबसे पहले देश के मतदाताओं का धन्यवाद करता हूं. पीएम मोदी ने कहा कि देश ने अनुभव किया है कि एक प्रधानमंत्री लगातार काम करता रहे…कोई सवाल नहीं करता…एक प्रधानमंत्री सिर्फ और सिर्फ देश के लिए लगा रहे….उन्होंने कहा कि हमारे देश में आजादी के बाद सिर्फ दो प्रधानमंत्री ऐसे बने हैं, जो कांग्रेस गोत्र के नहीं हैं. बाकी जितने लोग बने किसी और दल से बने होंगे लेकिन उनका सबका गोत्र कांग्रेस रहा है. कांग्रेस के मेनिफेस्टो पर पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने 60 साल से भी अधिक साल तक देश में राज किया, उनके पास अनुभवी नेता हैं, सरकार की बारीकियों को जानते हैं, ऐसे समय में कांग्रेस के पास से एक मैच्योर घोषणापत्र की अपेक्षा होना बहुत स्वाभाविक है लेकिन कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र ने बहुत निराशा पैदा की है, अच्छा होता कि वो भाजपा से भी शानदार चीजें लेकर आती, लोकतंत्र में अच्छा होता है लेकिन उसके बजाय उन्होंने शॉर्टकट ले लिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने 2004 में वादा किया था कि वो हर घर में बिजली पहुंचाएंगे. 2014 में आने के बाद भी मैंने अभी तक ढाई करोड़ परिवारों तक पहुंचाया है फिर भी अभी मैं लक्ष्य से अभी थोड़ा बाकी हूं, शायद अभी मई-जून तक काफी कुछ कर दूंगा. आगे उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने किसानों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर करने का वादा किया था, 2004 में किया ? 2009 में किया ? नहीं किया क्या ? उन्होंने वादा किया था कि किसानों को MSP देंगे, उन्होंने किसानों को जो MSP देना चाहिए. उसे बढ़ाने की बात कही थी, कांग्रेस ने इस विषय में कुछ नहीं किया. इसलिए उनका ट्रैक रिकॉर्ड चुनावी वादों वाला है. इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस जैसी पार्टी राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर घोषणापत्र में ऐसी बात कर रही है. देश की सेना को इतना जलील करें, बलात्कार के आरोप वाली बातें करें, ऐसा शोभा देता है क्या? उन्होंने कहा कि हम ऐसा हिन्दुस्तान चाहते हैं जिसमे AFSPA हो ही ना. लेकिन उससे पहले उस स्थिति का निर्माण तो किया जाना चाहिए, जिससे इसकी आवश्यकता ही ना पड़े. अपने 60 महीनों के कामकाज़ पीएम मोदी ने कहा कि जनता में नई उम्मीद जगी है, ‘कुछ नहीं होने वाला’ रवैया बदला है. आज पाकिस्तान जिस प्रकार से घटनाएं कर रहा है, जो सेपरेटिस्ट लोग भाषा बोलते हैं, जो पाकिस्तान स्पॉन्सर्ड भाषा है. उस भाषा की अगर कांग्रेस घोषणापत्र में बू आती है, तो देश के सुरक्षाबलों के जवानों को आप कितना डिमोरलाइज कर रहे हैं. पीडीपी के साथ गठबंधन पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस दिन हमने गठबंधन किया, एक तो तब मुफ्ती साहब थे, मैच्योर थे. हमने उस समय कहा कि हम दो राजनीतिक पार्टियां हैं जो दो ध्रुव के हैं, एक प्रकार से मिलावट वाला ही कार्यक्रम था हमारा. आगे उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कोई सिचुएशन ही नहीं थी कि कोई सरकार बन पाए. अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस उस समय मुफ्ती साहब को सहयोग देकर खड़ी हो जाती तो हम तो विपक्ष में रहने के लिए तैयार थे, हमने इंतजार किया था.वहां तीन महीने तक सरकार बनाई ही नहीं थी. हम ऐसी पोजिशन में नहीं थे कि हम सरकार बनाएं, इसीलिए हमने कभी क्लेम नहीं किया. प्रधानमंत्रीने कहा कि कश्मीर के हित में एक मिनिमम एजेंडा लेकर कुछ कर सकते हैं क्या? हमने चलाने की कोशिश की, लेकिन मुफ्ती साहब चले गए, महबूबा जी का एक अलग काम करने का तरीका था. एक बड़े महत्वपूर्ण मुद्दे की वजह से ये ब्रेक हुआ. हमारा स्पष्ट मत था कि जम्मू कश्मीर में स्थानीय निकायों के चुनाव होने चाहिए, पंचायत के, नगरपालिका के और वहां की जनता को अपना कारोबार चलाने का हक देना चाहिए. वो नहीं चाहते थे कि पंचायतों की ताकत बढ़े, हमने कहा कि चुनाव करवाने पड़ेंगे. उन्होंने डर पैदा करने की कोशिश की, चुनाव कराएंगे तो हत्याएं हो जाएंगी, खून बह जाएगा, पता नहीं क्या कुछ कहा. आखिर में ये फैसला हुआ कि अगर आप चुनाव नहीं कराते हैं तो हम आपसे दूर जाते हैं, हम अलग हो गये, गवर्नर रूल आया. आज पंच-सरपंच वहां कारोबार चला रहे हैं. सरकार से जो फंड जाता है, राज्य सरकार से जो फंड जाता है वो सीधा अब उनके खाते में जाने लगा है. प्रधानमंत्री ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि पाकिस्तान चलाना मेरी जिम्मेदारी नहीं है. वो क्या करते हैं क्या नहीं करते हैं.. कैसे करते हैं. वो सारी बातें पाकिस्तान की जनता पर हम छोड़ दें…दुनिया के लोगों को भी नहीं पता कि पाकिस्तान में आखिर देश कौन चलाता है, चुनी हुई सरकार, सेना, आइएसआइ, या जो लोग पाकिस्तान से भागकर विदेशों में बैठे हैं वो चला रहे हैं और इसलिए हर किसी के लिए ये बड़ा चिंता का विषय है कि किससे बात करें. जब उनसे सवाल किया गया कि ऐसा क्या पाकिस्तान करे कि हिंदुस्तान फिर सोचे? तो पीएम मोदी ने जवाब दिया कि आतंकवाद एक्सपोर्ट करना बंद कर दें. बस सिंपल बात है ये.. मुश्किल काम नहीं है.. तय कर लें.. ये आंतकवाद एक्सपोर्ट नहीं करना है आतंकवाद बंद हो जाए. आगे उन्होंने कहा कि चीन के साथ हमारे विवाद हैं. चीन के साथ हमारे जमीन के प्रश्न भी हैं. सीमा के प्रश्न हैं.. बहुत कुछ है लेकिन आना जाना होता है.. मिलना होता है.. मीटिगें होती हैं.. निवेश होता है. एयर स्ट्राइक पर पीएम मोदी ने कहा कि सबसे बड़ा सबूत पाकिस्तान ने स्वयं ने ट्वीट करके दिया दुनिया को.. हमने तो कोई दावा नहीं किया था…हम तो अपना काम करके चुप बैठे थे जी…पाकिस्तान ने कहा कि आए हमको मारा. फिर उन्हीं के लोगों ने बयान दिया. इस सारे में कितने मरे.. कितने नहीं मरे.. मरे कि नहीं मरे.. ये जिसको विवाद करना है करते रहें. बालाकोट में हमारे जवानों की जिंदगी दांव पर लगी थी, तो मैं कैसे सो सकता हूं. सुबह उन्होंने 3.40 पर मुझे बताया की सब हो गया है. लेकिन मैं उसके बाद भी नहीं सोया और सोशल मीडिया पर देखने लगा की क्या दुनिया में इसपर कोई हलचल हुई है या नहीं…