अरुण जेटली की गैर-मौजूदगी में 1 फरवरी को पीयूष गोयल ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए लोकसभा में अंतरिम बजट पेश किया. इस बजट में मोदी सरकार की ओर से हर वर्ग का ध्यान रखने की कोशिश की गई है. जहां 5 लाख रुपये तक की कमाई टैक्स फ्री कर दी गई, वहीं किसानों के बैंक खाते में हर साल 6 हजार रुपये आर्थिक मदद देने का ऐलान किया गया है.

अंतरिम बजट की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
– पांच लाख रुपये तक की कमाई पर अब नहीं लगेगा इनकम टैक्स.
– लघु और मध्यम वर्ग के करीब तीन करोड़ करदाताओं को 23,000 करोड़ रुपये से अधिक की राहत.
– छोटे और सीमान्त किसानों को सालाना 6,000 रुपये की न्यूनतम सहायता उपलब्ध कराने के लिए ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ (पीएम किसान) योजना की घोषणा.
– सरकार का 15,000 रुपये तक की मासिक आय वाले असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन पेंशन योजना शुरू करने का प्रस्ताव, 10 करोड़ श्रमिक और कामगार होंगे लाभान्वित.
– बैंक और डाकघर के बचत खातों में जमा पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस की सीमा सालाना 10,000 रुपये से बढाकर 40,000 रुपये की गई.
– अगले पांच वर्ष में एक लाख गांव बनेंगे डिजिटल.
– सरकार पेट्रोलियम और गैस क्षेत्र में खोज के संबंध में अंतर मंत्रालय समिति द्वारा की गई अनेक सिफारिशों को लागू करेगी.
– रक्षा बजट बढ़कर 3,05,296 करोड़ रुपये.
– रेलवे के लिए 64,587 करोड़ रुपये आवंटित.नवरहित लेवल क्रॉसिंग समाप्त किए गए.- अंतरिम बजट 2019-20 में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण मिशन के लिए 1,330 करोड़ रुपये.- नीति आयोग के तहत एक समिति का गठन किया जाएगा जिसका काम गैर-अधिसूचित, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू को औपचारिक रूप से वर्गीकृत करना होगा.- सभी केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों तक जीईएम प्लेटफॉर्म का विस्तार किया.- सरकारी उपक्रमों द्वारा महिलाओं के स्वामित्व वाले लघु एवं मध्यम उद्यमों से एक निर्धारित अनुपात में सामग्रियों की खरीद की जाएगी.- ‘मुद्रा योजना’ के तहत 7,23,000 करोड़ रुपये के 15.56 करोड़ लोन का वितरण हुआ.- सरकार ने कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) पर राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू करने की परिकल्पना की.- राजकोषीय घाटा कम होकर 3.4 फीसदी पर, औसत मुद्रास्फीति 4.6 प्रतिशत, पांच वर्षों में एफडीआई 239 अरब डॉलर, बैंकों को तीन लाख करोड़ रुपये ऋण का भुगतान प्राप्त हुआ.- इस वर्ष टैक्स वसूली 2013-14 के 6.38 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 12 लाख करोड़ रुपये हुई.- टैक्स आधार में 80 फीसदी वृद्धि, रिटर्न के दाखिले की संख्या 3.79 करोड़ से बढ़कर 6.85 करोड़ हुई.- ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्क और प्रक्रियाओं को युक्तिसंगत बनाया जाएगा एवं निर्यात तंत्र में सुधार के लिए आरएफआईडी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा.- कालेधन के खिलाफ उठाए गए कदमों से 1.30 लाख करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला.- 6,900 करोड़ रुपये की बेनामी परिसंपत्तियों और 1,600 करोड़ रुपये की विदेशी परिसंपत्तियों को जब्त किया गया.- वित्त वर्ष 2017-18 में प्रत्यक्ष कर संग्रहण में 18 फीसदी की वृद्धि, नोटबंदी के कारण वित्त वर्ष 2017-18 में पहली बार 1.06 करोड़ लोगों ने आयकर दाखिल किया.- बैंकों के राष्ट्रीयकरण की आधी सदी के बाद जेएएम-डीबीटी ने दूरगामी परिवर्तन किए हैं, पिछले 5 वर्षों के दौरान जनधन योजना के तहत 34 करोड़ नये बैंक खाते खोले गए.- वर्ष 2019-20 में पूर्वोत्तर क्षेत्रों के लिए अवसंरचना आबंटन 21 प्रतिशत बढ़ाकर 58,166 करोड़ रुपये.- विदेशी फिल्म निर्माताओं की तरह भारतीय फिल्म निर्माताओं को भी एकल खिड़की मंजूरी, पायरेसी को रोकने के लिए सिनेमेटोग्राफ अधिनियम को संशोधित किया जाएगा.- राष्ट्रीय शिक्षा योजना के लिए आबंटन 32,334 करोड़ रुपये से बढ़कर 38,570 करोड़ रुपये किया गया.- सरकारी उद्यमों की कुल खरीद में छोटे उद्यमों से आपूर्ति को बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया गया, इसमें भी तीन फीसदी आपूर्ति महिला उद्यमियों के उद्यम से करने का नियम बनाया.- ‘वन रैंक, वन पेंशन’ के तहत मौजूदा सरकार ने 35,000 करोड़ रुपये आबंटित किए.- कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआई) नियम के तहत पात्रता 15,000 से बढ़ाकर 21,000 रुपये प्रतिमाह वेतन की गई.- सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा.- श्रमिकों की न्यूनतम मासिक पेंशन 1,000 रुपये तक की गई.- पशुपालन के लिए किसानों को कर्ज पर 2 प्रतिशत ब्याज सहायता देगी सरकार.- हरियाणा में शुरू होने जा रहा है देश का 22वां एम्स.- मार्च 2019 तक सभी घरों को बिजली मिल जाएगी.