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जीवन को बचाना है तो पक्षियों को बचाना होगा

जीवन को बचाना है तो पक्षियों को बचाना होगा –
रविवार दिनाकं 16-06-19 सुबह 7 बजे जीवाजी यूनिवर्सिटी में भीषण गर्मी में पक्षियों की प्यास भुझाने के लिए सुबह सैर के लिए आये लोगो को दाना पानी फॉर बर्ड्स संस्था ने 250 सकोरो का वितरण किया।
इस मौके पर संस्था के संयोजक राज चड्डा ने लोगो को संबोधित करते हुए कहा दाना पानी फॉर बर्ड्स अभियान पिछले 8 बर्षो से निरंतर जारी है। संस्था द्वारा शहर में लगभग 2 लाख सकोरे बाटे जा चुके है। हमारी टीम हर सप्ताह एक जगह पर इकठ्ठे होते है। और किसी सार्वजनिक, धार्मिक स्थान पर खड़े होकर लोगो से अनुरोध करते है कि यह एक निशुल्क सकोरा व साथ में दाना ले जाए। यह अपनी छत पर या किसी सुरक्षित जगह पर रखे व नित्य प्रतिदिन दाना-पानी करे ताकि पक्षी आये, पियें और बचे। इस भीषण गर्मी में पक्षियों का अस्तित्व खतरे में है। इस पर्यावरण के लिए पक्षियों का होना बहुत आवश्यक है। यह पक्षी ही है जो जंगल उगाते है। ये पक्षी ही हमारी प्रकृति की सोभा है। जंगल नहीं होगे तो बारिश नहीं होगी। बारिश नहीं होगी तो जीवन नहीं होगा। इसलिए अगर जीवन को बचाना है तो पक्षियों को बचाना होगा। पक्षियों को बचाकर हम कोई अहसान नहीं कर रहे है। पक्षी ही है जो हजारो सालो से मनुष्य जाति पर अहसान करते आ रहे है।
शराब बंदी आन्दोलन के संयोजक व दाना पानी के सदस्य शुभम चौधरी बताते है, हमें पक्षियों को दाना पानी उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनके रहने के लिए घोसलों का भी इंतजाम करना होगा। क्योकि पहले घरो में रोशनदान होते थे, घरो की छत्त गटरों पर बनती थी, दीवालो में अलबारिया बनती थी। लेकिन आज आधुनिकता के दौर में चिकने, सपाट मकान बनने लगे है। इसलिए पक्षियों के लिए हम जूते के डिब्बो, कार्टून को एक सुरक्षित उचाईं पर टांग कर उन्हें रहने व घोंसला बनाने की जगह उपलब्ध करबा सकते है।
कार्यक्रम में IAS निर्माण संस्था के संचालक संजय गुप्ता, जयदेव गुर्सहानी, आर्ट ऑफ़ लिविंग के टीचर सुधीर कुशवाह, पर्यावरण प्रेमी राहुल स्पर्शी, राजीव गुप्ता सहित दाना पानी के अन्य सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने दाना पानी जिंदाबाद के नारे लगायें।

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