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शिवराज और उमा के इंकार के बाद अब प्रज्ञा सिंह अंतिम विकल्प | 

भोपाल। लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के सामने भारतीय जनता पार्टी का कोई भी दिग्गज नेता आने को तैयार नहीं। पहले शिवराज सिंह ने बड़ी विनम्रता से इंकार किया फिर उमा भारती ने बड़ी चतुराई से कदम खींच लिए और बॉल शिवराज के पाले में डाल दी। शिवराज ने भी उमा भारती की ही ट्रिक यूज की और बॉल को अमित शाह के पाले में डाल दिया। अब भाजपा के पास ना तो दिन शेष बचे हैं ना विकल्प। प्रज्ञा सिंह ठाकुर ही एकमात्र विकल्प हैं। 
दिग्विजय सिंह के सामने आने कोई तैयार नहीं हुआ
भोपाल सीट बीजेपी की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक मानी जाती है। बीजेपी यहां 1989 से ही जीतती आ रही है। इस सीट से अंतिम बार 1984 के चुनाव में कांग्रेस से के एन प्रधान जीते थे। कांग्रेस भोपाल से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नाम की घोषणा करीब 25 दिन पहले ही कर चुकी है। दिग्विजय सिंह के नाम की ओर भोपाल से भाजपा के प्रदेश महामंत्री वीडी शर्मा दावेदारी कर रहे थे लेकिन दिग्विजय सिंह का नाम आने के बाद उनका नाम चर्चा में नहीं आया। इसके बाद शिवराज सिंह और उमा भारती से पार्टी ने चुनाव लड़ने कहा, लेकिन दोनों ही नेताओं ने चुनाव लड़ने मना कर दिया। 

प्रज्ञा सिंह ठाकुर को चम्बल की वीरांगना भी कहते हैं

अपने नाम की चर्चा के बीच प्रज्ञा ने माडिया से चर्चा करते हुए कहा कि वह दुश्मन को परास्त करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। मेरी कुछ स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हैं, जिनके लिए दिग्विजय सिंह जिम्मेदार हैं। मैं कभी उन धब्बों को नहीं भूल सकती, जो उन्होंने मेरी जिंदगी पर लगाए हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या पार्टी की तरफ से आपके चुनाव लड़ने को लेकर कोई फैसला लिया गया है, तो उन्होंने कहा कि वह दुश्मन को परास्त करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इसके बाद से दिग्विजय सिंह के खिलाफ पार्टी ने प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर विचार किया। साध्वी प्रज्ञा का जन्म मध्य प्रदेश के भिंड जिले के कछवाहा गांव में हुआ था। हिस्ट्री में पोस्ट ग्रैजुएट हैं। वह एबीवीपी की सक्रिय सदस्य भी रह चुकी हैं।

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