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नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए 300 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेगी. 

अगर उत्तर प्रदेश में महागठबंधन नहीं होता है, तो एनडीए को फायदा होगा और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए 300 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेगी. आईएएनएस के लिए सी-वोटर द्वारा किए गए ताजा सर्वे के मुताबिक यूपी में जीत के आधार पर ही अगले लोकसभा की रूपरेखा तय होगी.

 

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लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. सभी राजनीतिक दल पूरी तरह से चुनावी जंग की तैयारियों में जुट गए हैं. अभी तक सामने आए तमाम सर्वे की मानें तो इस बार किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. एक और सर्वे के मुताबिक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) लोकसभा चुनाव में बहुमत से थोड़ा दूर रहेगा, लेकिन गठबंधन के जरिए बेहद आसानी से सरकार बना लेगा.

सर्वे में एनडीए को 264 सीटें दी गई हैं, जबकि यूपीए को 141 सीटें मिलने की उम्मीद जताई गई है. इसके अलावा अन्य दलों को 138 सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं, अगर यूपी में महागठबंधन नहीं होता है, तो एनडीए की झोली में 307 सीटें जाएंगी और यूपीए को महज 139 सीटें से संतोष करना पड़ेगा. इसके अलावा अन्य दलों के खाते में 97 सीटें जा सकती हैं.
आईएएनएस के लिए सी-वोटर द्वारा किए गए ताजा सर्वे के मुताबिक यूपी में जीत के आधार पर ही अगली लोकसभा का रूपरेखा निर्धारित होगा. इस सर्वे के मुताबिक अगर उत्तर प्रदेश में महागठबंधन नहीं होता है, तो एनडीए को फायदा होगा और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए 300 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेगा
सी-वोटर ने यह सर्वे मार्च में उस समय किया, जब भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों पर एयर स्ट्राइक की, जिसकी वजह से पूरे देश में राष्ट्रवाद की लहर दौड़ पड़ी. भारतीय जनता पार्टी (BJP) को उम्मीद है कि इस लहर के जरिए वह लोकसभा चुनाव में विपक्ष को मात दे देगी. सर्वे में भी इस बात की पुष्टि हुई कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के पसंदीदा उम्मीदवार की दौड़ में सबसे आगे हैं.
अगर सिर्फ बीजेपी की बात करें, तो इस चुनाव में उसको 220 सीटें और उसके गठबंधन सहयोगियों को 44 सीटें मिल सकती हैं. अगर एनडीए मिजो नेशनल फ्रंट (MNF), वाईएसआर कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) और बीजू जनता दल (BJD) से चुनाव बाद गठबंधन करता है, तो उसकी सीटों की संख्या 301 हो जाएगी.
वहीं, कांग्रेस को 86 सीटों पर जीत मिलने की संभावना है और उसकी सहयोगी पार्टियों को 55 सीटें मिल सकती हैं. यूपीए अगर चुनाव बाद गठबंधन करता है और इसमें वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF), अखिल भारतीय संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (AIUDF), तृणमूल कांग्रेस (TMC), यूपी गठबंधन शामिल होती हैं, तो सीटों का कुल आंकड़ा 226 पहुंच जाएगा.
सर्वे के मुताबिक अगर यूपी में महागठबंधन होता है, तो बीजेपी 71 से 29 सीटों तक सिमट सकती है. महागठबंधन नहीं होने की स्थिति में बीजेपी 2014 के नतीजों को दोहरा सकती है और 72 सीटों पर कब्जा कर सकती है.
बीजेपी को बिहार से सबसे ज्यादा 36 सीटें मिल सकती हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बिहार में 22 सीटों पर जीत मिली थी. इस बार गुजरात में भी बीजेपी की सीटें कम हो सकती हैं. इस बार बीजेपी को वहां 24 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है. पिछली बार गुजरात में बीजेपी को सभी 26 सीटों पर जीत मिली थी. इसके अलावा कर्नाटक में बीजेपी की एक सीट कम हो सकती है और सिर्फ 16 सीटों पर ही जीत मिलने की संभावना है.
इसी तरह मध्य प्रदेश में पिछली बार की तुलना में 2 सीटें कम यानी 24 सीटें मिल सकती हैं. राजस्थान में भी बीजेपी को चार सीटें कम यानी 20 सीटें मिलने की बात कही जा रही है. वहीं, महाराष्ट्र में बीजेपी को इस बार 13 सीटें ज्यादा मिल सकती हैं. इस बार बीजेपी को महाराष्ट्र में 36 मिलने की बात कही जा रही है. इसके अलावा ओडिशा में भी बीजेपी को अच्छी जीत मिलने के आसार हैं. वहां बीजेपी को 12 सीटों पर जीत मिल सकती है, जबकि पिछली बार सिर्फ एक सीट पर बीजेपी जीत दर्ज कर पाई थी.
सर्वे में इस बार के चुनाव में कांग्रेस को बढ़त मिलने की बात कही जा रही है. कांग्रेस 2014 के 44 सीटों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करेगी. उसे असम में सात (2014 में 3 सीटें मिली थीं), छत्तीसगढ़ में पांच (पिछली बार सिर्फ एक सीट मिली थीं), केरल 14 सीटें, कर्नाटक में नौ सीटें, झारखंड में पांच (2014 से एक सीट कम), मध्य प्रदेश में पांच (2014 में 3 सीटें मिली थीं), महाराष्ट्र में सात (2014 में 4 सीटों पर जीत मिली थी), पंजाब में 12 (पिछली बार से नौ सीटें ज्यादा), राजस्थान में 5 सीटें (2014 में एक भी सीट नहीं मिली थी), तमिलनाडु में 4 (पिछली बार सीट एक भी सीट नहीं मिली थी) और उत्तर प्रदेश में चार सीटों पर जीत मिल सकती है.
पिछली बार यूपी में कांग्रेस को सिर्फ दो सीटों यानी रायबरेली और अमेठी सीट पर ही जीत मिली थी.  अगर मतदान प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए, तो यूपीए को 31.1 फीसदी मत मिलने के आसार हैं. पिछली बार लोकसभा चुनाव में यूपीए को 30.9 प्रतिशत वोट मिले थे. इसके अलावा अन्य राजनीतिक दलों को 28 फीसदी मत मिल सकते हैं.

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