इसी महीने पीसीसी अपनी रिपोर्ट अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को सौंप देगी।
भोपाल। लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में मध्यप्रदेश से जुड़े मुद्दों को शामिल करने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) से रिपोर्ट मांगी है।
इसकी जिम्मेदारी विधानसभा चुनाव के लिए बनाई गई घोषणा पत्र समिति को सौंपी गई है। रिपोर्ट में रेल मार्ग, हवाई उड़ान से लेकर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों, स्वास्थ्य सेवाओं और सिंचाई योजनाओं में प्रदेश को लाभ पहुंचाने वाले बिंदुओं को तलाशा जाएगा। इसी महीने पीसीसी अपनी रिपोर्ट अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को सौंप देगी।
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र पर काम चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक घोषणा पत्र में कांग्रेस शासित राज्यों के मुद्दों को ज्यादा तवज्जो देने की कोशिश जा रही है। मप्र कांग्रेस कमेटी के माध्यम से एआईसीसी ने स्थानीय मुद्दे मांगे हैं, जिनमें केंद्र सरकार के स्तर पर राज्य को मदद मिल सकती है। इसके लिए पिछले दिनों एआईसीसी के महासचिव और प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने पीसीसी को दिशा-निर्देश भी दिए हैं।
डॉ. सिंह की बाबरिया से मुलाकात
सूत्र बताते हैं कि लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में मप्र के मुद्दों को तलाशने की जिम्मेदारी विधानसभा चुनाव के लिए बनाई गई घोषणा पत्र समिति के कुछ पदाधिकारियों को सौंपी गई है। इस संबंध में पिछले दिनों बाबरिया ने घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र सिंह को पीसीसी में बुलाया था और मुलाकात की थी।
ये मुद्दे हो सकते हैं घोषणा पत्र का हिस्सा
रेल मार्ग में प्रदेश के कुछ हिस्सों में अभी भी मीटरगेज लाइन हैं, जिन्हें ब्रॉडगेज में बदला जाना है।
भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर से हवाई उड़ानें कम हैं, जिन्हें बढ़ाए जाने की मांग होगी।
हज यात्रियों के लिए भोपाल से सीधी उड़ान चालू की जाए।
सार्वजनिक क्षेत्र की बीएचईएल, बैंक नोट प्रेस, सिक्युरिटी पेपर मिल (एसपीएम) होशंगाबाद, पेपर मिल नेपानगर जैसी कंपनियों से मप्र के फायदों के बिंदुओं को शामिल किया जाएगा। बीएचईएल के विस्तार की योजना को अमलीजामा पहनाना।
रेल कोच फैक्टरी भोपाल को पूर्ण क्षमता से काम करने की योजना बनाना।
भोपाल मेमोरियल हास्पिटल और अनुसंधान अस्पताल को एम्स में मर्ज करने की योजना पर अमल कराना। एम्स संचालन में आ रही परेशानियों को दूर कराना।
सिंचाई योजनाओं को केंद्र के अधीन ले जाने का वादा किया जाएगा। इसमें बरगी और पंेच जैसी परियोजनाओं को शामिल करने का वादा मप्र के मतदाताओं के लिए किया जा सकता है। इससे योजनाओं के संचालन के लिए केंद्र से अनुदान और ऋण मिलेगा।
