खास बातें
अनुसूचित जाति : 15 फीसदी
अनुसूचित जनजाति : 7.5 फीसदी
अन्य पिछड़ा वर्ग : 27 फीसदी
केंद्र सरकार की नौकरियों में सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण देने की अंतिम बाधा भी दूर हो गई है। एक फरवरी से सभी केंद्रीय नौकरियों और सेवाओं में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के बाद अब कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने भी इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी है।
सभी मंत्रालयों और विभागों के सचिवों को भेजे गए कार्यालय ज्ञापन (ऑफिस मेमोरेंडम) में शीतकालीन सत्र में सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण के प्रावधान के लिए किए गए संविधान संशोधन और आरक्षण के लिए तय किए गए नियम और शर्तों की विस्तार से जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि आरक्षण का लाभ वही परिवार उठा पाएंगे, जिनकी सालाना आमदनी 8 लाख रुपये से कम होगी। किसान वर्ग में जिनके पास 5 एकड़ से कम खेती की जमीन होगी। इसके अलावा शहर में 1000 स्क्वायर फीट से कम का फ्लैट, 100 स्क्वायर यार्ड से कम का रिहायशी प्लॉट होगा।
आरक्षण लागू करने के निर्देश सभी मंत्रालयों, विभागों के सचिवों, वित्तीय सेवा विभाग, पब्लिक इंटरप्राइजेज, रेलवे बोर्ड को दे दिए गए हैं। इसके अलावा इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग, लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय, नीति आयोग, संघ लोकसेवा आयोग सहित सभी आयोगों को दी गई है। सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
तहसीलदार से नीचे का अधिकारी नहीं जारी करेगा प्रमाण पत्र
यूपी समेत चार राज्य लागू कर चुके हैं
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने के कदम से एनडीए के वोट शेयर में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होगी, जिससे नरेंद्र मोदी के फिर से प्रधानमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त होगा।
– रामविलास पासवान, केंद्रीय मंत्री