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भाजपा के भीतरघातियों की सूची तैयार, जल्द गिरेगी गाज

छतीसगंढ -विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार पर संगठन स्तर पर सख्त कार्रवाई के संकेत मिले हैं। राज्य भर से मिले भीतरघात की शिकायतों की सूची के बाद पदाधिकारियों पर गाज गिर सकती है। कोरबा, सरगुजा, दुर्ग, धमतरी समेत सात जिलाध्यक्षों को हटाने की कार्रवाई की जा सकती है। इसके साथ ही जिला स्तर के अन्य पदाधिकारी भी निशाने पर हैं। आगामी लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए यह कदम उठाया जाएगा।
लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी कड़े एक्शन के मूड में है। कांग्रेस व भाजपा दोनों पार्टी में भीतरघात से इनकार नहीं किया जा रहा है। कांग्रेस ने कोरबा, कटघोरा तथा पाली-तानाखार सीट से जीत हासिल की है, इसके बावजूद पार्टी कार्यकर्ताओं ने कई नेताओं पर भीतरघात करने का आरोप लगाते हुए वरिष्ठ पदाधिकारियों के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराई है।
इस आधार पर जिला पदाधिकारियों ने भीतरघातियों की सूची पीसीसी मुख्यालय भेजी है। अब कार्यकर्ताओं को भीतरघातियों पर कार्रवाई का इंतजार है। इधर भाजपा को एक बार तीन सीट में हार का सामना करना पड़ा। पिछले दो चुनाव से पार्टी की यही स्थित बनी हुई है।
इस बार पार्टी को उम्मीद थी कि जिले की चारों सीट पर जीत हासिल होगी, पर ऐसा नहीं हुआ। इसकी मुख्य वजह भीतरघात बताया जा रहा है। पार्टी से जुड़े जानकारों का कहना है कि सिर्फ छोटे पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने ही भीतरघात नहीं किया है, बल्कि जिलास्तर पद पर बैठे पदाधिकारियों तथा वरिष्ठ नेताओं ने भी पार्टी को नुकसान पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
भाजपा जिलाध्यक्ष ने भीतरघातियों की सूची मुख्यालय में सौपी है, पर जानकारों का कहना है कि इस सूची में प्रत्याशी के विरोध में काम करने वाले कई पदाधिकारी का नाम शामिल नहीं है।
इसके बाद भी ऐसे पदाधिकारियों को पदमुक्त करने की तैयारी की जा रही। इसके साथ ही नए पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, ताकि संगठन मजबूती से कार्य करे और लोकसभा चुनाव में पार्टी बेहतर प्रदर्शन कर सके। संगठन को चिंता है कि यदि अभी कार्रवाई नहीं की गई तो उन कार्यकर्ताओं पर गलत असर पड़ेगा जो पूरी ईमानदारी से पार्टी के लिए चुनाव के वक्त काम करते हैं।
इसलिए छोड़ना पड़ेगा कौशिक को पद
वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक बिल्हा विधानसभा से जीत कर विधायक बन चुके हैं। पार्टी की नीति एक व्यक्ति एक पद का पालन किया जाता है, तो धरमलाल को भी पद छोड़ना पड़ेगा। उनके स्थान पर किसी नए कार्यकर्ता को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही समीक्षा बैठक में निर्णय लिया जाएगा।

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