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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया मध्य प्रदेश में कौन है कांग्रेस का असली चेहरा

भोपाल: इस साल के आखिरी में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होंगे. इस बार कांग्रेस इस बार शिवराज सरकार को हराने के लिये पूरी कोशिश कर रही है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस के चुनाव प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रचार की बागडोर संभाली हुई है.  उन्होंने कहा कि सबसे पहला लक्ष्य 2018 है.  ​
क्या 2019 के रास्ते में पहला पड़ाव मध्यप्रदेश है?
पहले हमारे लिये 2018 सबसे अहम मुकाम है, कोशिश है केवल मध्य प्रदेश ही नहीं उसके साथ छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम में कांग्रेस का परचम लहराए. मैं मानता हूं कि केन्द्र का रास्ता प्रदेश के जरिये ही जाता है. प्रदेश में मज़बूत सरकार बने ये हमारे लिये बहुत महत्वपूर्ण है. मध्य प्रदेश में पिछले 15 सालों से हर क्षेत्र में पूर्ण रूप से लोगों की आकांक्षाओं पर पानी फिरा है. मुझे पूरा भरोसा है इस बार चुनावों में सिर्फ कांग्रेस का कार्यकर्ता नहीं बल्कि 7 करोड़ जनता सरकार को बर्खास्त करने का मन बनाकर बैठी है. 
इस बार कांग्रेस की रणनीति क्या होगी?
मेरी ये सोच रही है, किसी सामाजिक संगठन को और मैं कांग्रेस को राजनीतिक दल नहीं सामाजिक क्रांति मानता हूं . किसी सामाजिक संगठन को जनता की नब्ज समझने उनके बीच जाना होगा. इसके लिये हमने कई नीतियां चुनाव अभियान में बनाई हैं, ‘जवाब दो हिसाब दो’ को हर ब्लॉक पर हम आयोजित कर रहे हैं. इसी के साथ ‘आपकी कांग्रेस आपके द्वार’ अभियान में हर घर में हमारा कार्यकर्ता जाएगा, संपर्क बनाए, रिश्ता बनाए. यही हमारी परंपरा रही है, 100 साल के इतिहास में उसी के आधार पर हम अपना कार्यक्रम बना रहे हैं.
सरकार की जो लुभावन योजनाएं हैं, चाहे ‘संबल’ हो या ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ वो लोगों में काफी सफल लग रही है, इसके बीच कांग्रेस की चुनौती को कैसे देखते हैं?
प्रधानमंत्री आवास योजना हो या संबल सबकी नींव अगर टटोलोगे तो सबकी नींव यूपीए ने ही रखी है. आपने क्या किया सिर्फ नाम बदला. कठिनाई यही है देश में सिर्फ मार्केटिंग हो रही है, काम नहीं हो रहा. जो कांग्रेस ने 70 साल में नहीं किया वो आपने कर दिया हिन्दुस्तानी रुपये को डॉलर के मुकाबले 70 में रुपये कर दिया. किसान बीजेपी के मायाजाल में नहीं फंसने वाला, मैं भावना का कायल होता अगर 14 साल पहले किसानों के बिजली बिल माफ करते. जनता जानती है बिल माफी कब तक और क्यों हो रही है. जिन किसानों को जेल भेजा है बिल के मामले पर वो किसान भी नहीं भूला है.
आपने दौरा शुरू कर दिया है, कोई बदलाव देख रहे हैं मूड में?
मैं कहूं बदलाव है तो आप कहेंगे राजनीतिक धारणा पर कह रहे हैं, ये जनता से पूछो वो बदलाव चाहती है वहीं उत्तर मिल जाएगा.
गठबंधन पर कुछ मुहर लग पाई है?
हमारी चर्चा उन सभी दलों से हो रही है, जिनकी विचारधारा है हमारे साथ उनकी भी भागीदारी हो. लेकिन वो भागीदारी सिद्धांतों, मूल्यों के आधार पर होगी. चुनाव के सीट बंटवारे पर नहीं हो सकती ताकी संबंध आगे तक चले. सीट मुद्दा नहीं है, संबंध बने तो, ना बने तो अपने दम पर लड़ेंगे.
2019 में क्या राहुल प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे?
जहां तक कांग्रेस पार्टी है, हमारे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ज़रूर राहुल गांधी ही होंगे क्योंकि उनमें क्षमता है देश को आगे ले जाने की, सांप्रदायिक सौहार्द और उदारवादी विचारधारा का वातावरण बनाने की. इस देश को 21वीं सदी के पटल पर एक नक्षत्र के तरह उभारने की. लेकिन ये तय होगा पूरा जो गठबंधन है यूपीए का, आने वाले वक्त में जो बनने जा रहा है, साथ मिलकर संयुक्त रूप से विचार करके नेता को चुनेंगे. लेकिन कांग्रेस पार्टी की तरफ से ज़रूर राहुल गांधी ही वो नेता हैं. मैं मानता हूं जो पार्टी सबसे ज्यादा सीट लेकर आएगी उस गठबंधन के अंदर उस पार्टी के नेता को ही सर्वश्रेष्ठ मानना होगा.

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