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भाजपा की इन खास नेताओं पर है पैनी नजर, जीत के लिए कर रहे ये रणनीति तैयार…

कांग्रेस और बसपा के संभावित गठबंधन से गड़बड़ा रहे समीकरण को ठीक करने के लिए भाजपा ने नया तरीका निकाल लिया है। भाजपा की नजर बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के उन नेताओं पर है जो जिताउ साबित हो सकते हैं, इनमें बसपा के मौजूदा चार विधायक भी शामिल हैं।

भाजपा संगठन बसपा विधायकों समेत सपा के एेसे नेताओं को पार्टी में शमिल करने की रणनीति बना रहा है जो इलाके में व्यापक जनाधार वाले नेता माने जाते हैं और क्षेत्रीय एवं जातीय समीकरण के भाजपा के फॉर्मूले पर फिट भी बैठ रहे हों। सतना के रैगांव से बसपा विधायक उषा चौधरी का सीएम की जनआशीर्वाद यात्रा के मंच पर आना भी इसी रणनीति की ओर इशारा कर रहा है।

सीएम हाउस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर,प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे और राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन के बीच हुई बैठक में इस रणनीति पर मुहर भी लगा दी गई है।

कांग्रेस-बसपा गठबंधन से भाजपा की 70 सीटों पर असर…
भाजपा के लिए ये गठबंधन चिंता का विषय इसलिए है क्योंकि कांग्रेस-बसपा के साथ आने से भाजपा की 70 उन सीटों पर सीधा असर पड़ेगा जहां जीत-हार का अंतर दस हजार वोटों तक रहा है।

2013 के चुनाव में भले ही बसपा को चार सीटें मिली हों लेकिन दस सीटों पर वो दूसरे नंबर पर रही थी जबकि 60 सीटें एेसी थीं जिनमें बसपा को दस हजार वोट मिले थे, जिनमें से 17 सीटों पर बीस हजार से ज्यादा वोट हासिल किए थे।

2013 में इन सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी बसपा…

श्योपुर – बाबू जनदेल
सुमावली – अजब सिंह कुशवाहा
मुरैना – रामप्रकाश
भिंड – संजीव सिंह संजू
महाराजपुर – राकेश पाठक
पन्ना – महेंद्र पाल वर्मा
रामपुर बघेलान – रामलखन सिंह
सेमरिया – पंकज सिंह
देवतालाब – विद्यावती पटेल
रीवा – कृष्ण कुमार गुप्ता
कंटगी – उदय सिंह

नाराज नेताओं को मनाने शुरू हुआ वन टू वन…
भाजपा ने नाराज नेताओं को मनाने के लिए वन टू वन का सिलसिला भी शुरू कर दिया है। जनआशीर्वाद यात्रा में मैहर और कटनी क्षेत्र के पार्टी के पूर्व विधायकों ने खुलेआम नाराजगी जताई थी, संगठन ने इसे गंभीरता से लिया है और उसे दूर करने की कवायद भी होने लगी है। संगठन के बड़े नेता असंतुष्टों से मिलकर वन टू वन चर्चा कर रहे हैं।

प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने इसकी शुरूआत विंध्य से ही की, सहस्त्रबुद्धे ने रीवा की संभागीय बैठक में नेताओं से अलग से वन टू वन चर्चा की। इस चर्चा में चुनावी तैयारी के साथ साथ उनकी नाराजगी दूर भी करना था, नेताओं से ये भी कहा गया है कि टिकट किसी को मिले लेकिन उनको भाजपा को जिताने का काम करना है,सरकार बनने पर सबकी चिंता की जाएगी।

भाजपा अपने दम पर चुनाव लडेग़ी, हमारा संगठन बहुत मजबूत है, कांग्रेस के गठबंधन से हमको कोई फर्क नहीं पड़ेगा 
– नरेंद्र सिंह तोमर अध्यक्ष,भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति

चुनाव में सभी तरह की संभावनाएं रहती हैं, भाजपा के सारे रास्ते खुले हैं, जो विकास के रास्ते में हमारे साथ शािमल होकर सहयोग करना चाहते हैं उनका स्वागत है। 
– विजेश लुनावत प्रदेश उपाध्यक्ष,भाजपा

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