भोपाल-भारतीय जनसंघ अब देशभर में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ेगा। २०१९ में लोकसभा चुनाव के साथ ही जनसंघ ने मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भी अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर ली है।
मध्यप्रदेश और राजस्थान में 50-50 विधानसभा सीट और छत्तीगढ़ में ३० सीटों पर जनसंघ अपने उम्मीदवार उतारने वाला है। राष्ट्रवाद, हिंदुत्व, आरक्षण के बदले समानता का अधिकार, राजनीति में अपराधीकरण रोकना और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जनसंघ चुनाव लड़ेगा।
इसके लिए जनसंघ ने राजस्थान कैडर 1989 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस समीर सिंह चंदेल को इन राज्यों में संगठन खड़ा करने के लिए राष्ट्रीय महासचिव के रुप में कमान सौंपी है।
2019 में जनसंघ लड़ेगा लोकसभा चुनाव विधानसभा चुनावों के साथ-साथ जनसंघ लोकसभा चुनाव की तैयारी भी कर रहा है। 2019 में होने वाले चुनाव में जनसंघ 150 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा। इसके लिए बिहार, दिल्ली, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है।
– मध्यप्रदेश में बनाया संयोजक,राजस्था,छग की बारी जनसंघ ने होशंगाबाद के एडवोकेट दीपक तिवारी को मध्यप्रदेश का संयोजक बनाया है। उनकी नियुक्ति 15 जुलाई को ही की गई है, इसके बाद अब राजस्थान और छत्तीसगढ़ में संयोजकों की नियुक्ति की जाना है। मध्यप्रदेश में सपाक्स को साथ में लेकर चुनाव लडऩे पर विचार किया जा रहा है। 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी बनी और जनसंघ के सभी लोग भाजपा में शामिल हो गए। बलराज मधोक सिद्धांतों से समझौता मंजूर नहीं हुआ और वो जनसंघ का काम ही करते रहे। 1989 में जनसंघ का नाम अखिल भारतीय जनसंघ कर दिया गया।
जनसंघ का मुख्य मुद्दा आरक्षण की जगह समानता का अधिकार है और सपाक्स भी इसी मुद्दे पर सरकार की मुखालफत कर रहा है इसलिए दोनों साथ मिलकर आगे बढ़ सकते हैं।
– श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की थी जनसंघ की स्थापना 21 अक्टूबर 1951 को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और बलराज मधोक समेत सात सदस्यों ने दिल्ली में जनसंघ की स्थापना की थी।
चंूकि जनसंघ राजनीतिक तौर पर बहुत कमजोर हो गया था इसलिए उसकी गतिविधियां सीमित हो गईं, लेकिन कामकाज बराबर चलता रहा। वर्तमान में जनसंघ के अध्यक्ष भारत भूषण पांडेय हैं जो संगठन को पुनर्जीवित करने लिए एक बार फिर चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं।
– इसलिए है भाजपा से टकराव भाजपा का उदय जनसंघ से ही हुआ है फिर सवाल उठता है कि आखिर ये टकराव क्यों है। जनसंघ के अध्यक्ष भारत भूषण पांडेय कहते हैं कि भाजपा जनसंघ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर राजनीति करती है लेकिन जनसंघ के जीवित सदस्यों से उसे परहेज है।
मुखर्जी के साथ जनसंघ की स्थापना करने वाले बलराज मधोक को भाजपा ने अपना नहीं माना। भाजपा जनसंघ के सिद्धांतों को भूलकर दोहरे मापदंड पर काम करने लगी है। पांडेय ने कहा कि भाजपा दीनदयाल उपाध्याय की तरह मधोक का जन्मशताब्दी वर्ष मनाए और जनसंघ को देश में २० लोकसभा सीट दे तो विरोध न करने पर विचार किया जा सकता है।
राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए जनसंघ को तीन प्रदेशों में ११ लोकसभा सीट चाहिए इसलिए पिछले चार सालों से तैयारी शुरू कर दी गई है। मप्र,छग और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भी जनसंघ अपने उम्मीदवार उतारेगा जो युवा,पढ़े लिखे और स्वच्छ छवि के होंगे।
– भारत भूषण पांडेय राष्ट्रीय अध्यक्ष,अखिल भारतीय जनसंघ