
महिला आरक्षण पर केंद्र सरकार को बिना शर्त समर्थन देने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने सरकार ने एक डील की पेशकश की है। इस डील के तहत केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर तीन तलाक और निकाह हलाला जैसे मुद्दों पर संसद में कांग्रेस का समर्थन मांगा है।
प्रसाद ने चिट्ठी में लिखा, “एक ‘नई डील’ के तहत हम सभी को संसद को दोनों सदनों में महिला आरक्षण बिल को पास करना चाहिए। इसके साथ ही तीन तलाक के खिलाफ कानून भी पास करना चाहिए और निकाह हलाला पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए।” बीजेपी कांग्रेस पर ‘मुस्लिमों की पार्टी’ और तीन तलाक जैसे मुद्दों पर मुस्लिम महिलाओं के लिए आवाज नहीं उठाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस को लगातार घेर रही है।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 1998 और 1999 में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया था। लेकिन विपक्ष से समर्थन नहीं मिलने के कारण विधेयक पास नहीं हो सका था। गौरतलब है कि एनडीए सरकार ने 2002 में एक बार और 2003 में दो बार महिला आरक्षण विधेयक पेश किया, लेकिन सदन में एनडीए के बहुमत के बावजूद विधेयक पास नहीं हो सका।
इस बीच राहुल गांधी ने 16 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 18 जुलाई से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पास करने की मांग रखी है। इस विधेयक के पास हो जाने पर संसद और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है।
राहुल ने पीएम से कहा कि लोकसभा में उनका बहुमत है, ऐसे में वह 2014 के अपने चुनावी घोषणापत्र के वादे को पूरा करें। राहुल की इस मांग के बाद बीजेपी ने एक बार फिर गेंद कांग्रेस के पाले में डाल दी है।
Our PM says he’s a crusader for women’s empowerment? Time for him to rise above party politics, walk-his-talk & have the Women’s Reservation Bill passed by Parliament. The Congress offers him its unconditional support.
Attached is my letter to the PM. #MahilaAakrosh pic.twitter.com/IretXFFvvK — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 16, 2018