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बजट सत्र के बीच सचिन पायलट पहुंचे दिल्ली, जल्द होंगें बड़े बदलाव- मिलने लगे संकेत!

जयपुर।

राज्य विधानसभा का सत्र ( Rajasthan Assembly Budget Session 2019 ) गुरुवार को स्थगित होने के बाद उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ( Deputy President and Rajasthan Congress President Sachin Pilot ) अचानक दिल्ली चले गए। पायलट ने वहां वरिष्ठ कांग्रेस नेता एके एन्टोनी और गुलाम नबी से मुलाकात की। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक पायलट का शुक्रवार को वरिष्ठ नेता अहमद पटेल सहित अन्य से मुलाकात का कार्यक्रम है।

वहीं बजट सत्र के बीच एकाएक पायलट का दिल्ली जाकर वरिष्ठ नेताओं से मिलना पूरे दिन प्रदेश कांग्रेस में चर्चा में रहा। लोकसभा चुनाव में हार के बाद से ही राज्य के कांग्रेस नेताओं में चल रही खींचतान के बीच पायलट पिछले दिनों अपनी मां की स्वास्थ्य जांच कराने विदेश गए थे। वहां से लौटने के बाद से वे जयपुर में ही थे। इससे पहले पायलट एक दिन पहले ही केबिनेट, मंत्रिपरिषद और कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी शामिल हुए।

दरअसल लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। गुटों में बंटे कांग्रेस नेता लगातार अपनी-अपनी पसंद के नेताओं को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में सार्वजनिक बयानबाजी कर रहे हैं।

दरअसल, कुछ दिनों पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने को लेकर खबरें भी सुर्ख़ियों में रहीं हैं। कुछ सूत्रों ने तो यहां तक संभावना जताई कि गहलोत अध्यक्ष पद के साथ मुख्यमंत्री भी बने रहेंगे। बताते हैं कि इसे लेकर कांग्रेस आलाकमान ने लगभग सहमति भी बना ली है।

 

सूत्र ये तक बताते हैं कि जल्द ही इस मसले को हल करने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाकर इस पर मोहर भी लगाई जा सकती है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में हार के तत्काल बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद पर बने रहने से इनकार कर दिया था।

 

इसके बाद से ही उन्हें पार्टी पदाधिकारियों ने अध्यक्ष बने रहने के प्रयास शुरू कर दिए थे। प्रदेश कांग्रेस कमेटियों से भी राहुल को अध्यक्ष बनाए रखने को लेकर प्रस्ताव पारित कराए गए। लेकिन लम्बी मान-मनुहार के बाद भी राहुल ने पार्टी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने से साफ इनकार कर दिया है।

 

दरअसल, कुछ दिनों पहले से ही राष्ट्रीय स्तर पर बनी सहमति के बाद से नए अध्यक्ष के लिए कई नामों को लेकर चर्चा चल रही थी। बताया गया कि अध्यक्ष पद के लिए अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तमाम मापदंडों को पूरा करते हुए सबसे पहली पसंद बने हुए हैं। अन्य नेता भी उनके नाम से सहमत बताये गए हैं।

 

कांग्रेस में पहली बार नया फार्मूला
मुख्यमंत्री के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने का फार्मूला अब तक क्षेत्रीय दलों में ही अपनाया गया है। लेकिन कांग्रेस इस फार्मूले पर पहली बार विचार कर रही है। देश में अखिलेश यादव, मायावती, Mamata Banerjee और नवीन पटनायक मुख्यमंत्री रहते हुए अपनी पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं।

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