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पुलवामा हमले के बाद पाक को समुद्र से भी सबक सिखाने की थी तैयारी

नई दिल्ली। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद भारत ने समुद्र के रास्ते भी पाकिस्तान को सबक सिखाने की तैयारी कर ली थी। भारत ने नौसेना को युद्धाभ्यास से हटाने के साथ ही परमाणु व पारंपरिक हथियारों से लैस पनडुब्बियों को पाकिस्तान की समुद्री सीमा के पास तैनात कर दिया था। भारत की तरफ से पनडुब्बियों की आक्रामक तैनाती से पाकिस्तान को लग रहा था कि भारत किसी भी वक्त नौसेना को बदले की कार्रवाई का आदेश दे सकता है।
गौरतलब है पुलवामा में जैश-ए-मुहम्मद के हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के जवाब में भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के आतंकी शिविरों पर हवाई हमला किया था जिसमें बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए थे। बालाकोट हमले के बाद भारत लगातार पाकिस्तानी सेना पर नजर रख रहा था। वह पाकिस्तान के किसी भी हिमाकत का प्रतिकूल और दोहरी शक्ति से जवाब देने की तैयारी में था।
बालाकोट में हवाई हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान की सबसे आधुनिक मानी जाने वाली अगोस्टा श्रेणी की पनडुब्बी- पीएनएस साद, उसके जल क्षेत्र से गायब हो गई थी। लंबे समय तक पानी के भीतर रहने की क्षमता वाली इस पनडुब्बी के गायब होने के साथ ही भारतीय नौसेना अत्यधिक सतर्क हो गई थी। सूत्रों के मुताबिक पीएनएस साद पनडुब्बी कराची के पास से गायब हुई थी, जहां से वह तीन दिनों में गुजरात के तट तक पहुंच सकती थी। इसके अलावा वह पांच दिन में मुंबई स्थित नौसेना के पश्चिमी कमान के मुख्यालय पर भी पहुंच सकती थी, जो देश के लिए बड़े सुरक्षा खतरे की बात हो सकती थी।
भारतीय नौसेना पाकिस्तान की पनडुब्बी का पता लगाने के लिए सक्रिय हो गई थी। पनडुब्बी रोधी हथियारों से लैस युद्धपोत और विमानों को उसकी खोज में लगाया गया था। पी-8आईएस को समुद्र तटों पर पाकिस्तानी पनडुब्बी के खोजी अभियान में लगाया गया था इसके साथ ही परमाणु हथियारों से युक्त आईएनएस चक्र और स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को भी पाकिस्तानी पनडुब्बी की तलाश में लगाया गया था। आखिर में 21 दिनों के बाद यह पनडुब्बी पाकिस्तान के पश्चिमी हिस्से में मिली। हकीकत में पाकिस्तान ने इसे सुरक्षित रखने के लिए भारत की नजरों से छिपाया था।
पुलवामा और बालाकोट के बाद पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ने के बाद भारतीय नौसेना ने 60 से ज्यादा युद्धपोतों को उत्तरी अरब सागर में तैनात कर दिया था। इसमें विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य भी शामिल था। सूत्रों ने बताया कि अरब सागर में नौसेना पूरी तरह से सजग है। खासकर पाकिस्तानी समुद्री सीमा पर उसकी पैनी नजर बनी हुई है। वह पाकिस्तान की नौसेना की हर गतिविधि पर नजर रख रही है।

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